राजस्थान के सभी जिलों में कांग्रेस के नए जिला अध्यक्ष बनाने की कवायद शुरू हो गई है। कर्नाटक के हुब्बैली-धरवाद शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष व AICC ऑब्जर्वर शाकिर सनदी ने कहा- अब जिला अध्यक्ष का चयन कार्यकर्ताओं की 5 साल की गतिविधियों और जमीनी स्तर पर उनकी सक्रियता के आधार पर होगा। निष्क्रिय कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। नागौर जिले से कम से कम तीन और अधिकतम छल लोगों के नाम पैनल में भेजे जाएंगे। 22 अक्टूबर से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सनदी बोले- पहले जिला अध्यक्षों के नाम ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को भेजे जाते थे, जहां नेताओं की पसंद के आधार पर मोहर लगाकर नाम फाइनल होता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया बदल गई है। संगठन सृजन अभियान के तहत ब्लॉक लेवल से लेकर जमीनी कार्यकर्ताओं तक, सभी की राय ली जाएगी। जिस कैंडिडेट की पार्टी नेताओं और कार्यकर्त्ताओं की पॉजिटिव इमेज होगी, वही नया जिला अध्यक्ष बनेगा। इस बार हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की जा रही है। शाकिर सनदी ने नागौर कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में यह बात कहीं। दरअसल, शाकिर सनदी श्रीगंगानगर में जिला कांग्रेस कमेटी के संगठन सृजन अभियान में पहुंचे थे। सनदी इस अभियान के आब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं। पुराने तौर-तरीके खत्म होंगे सनदी ने कहा- पहले पर्यवेक्षक जिले में आकर 15-20 लोगों से बातचीत कर जिलाध्यक्ष का नाम फाइनल कर देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। वे रोजाना 8 घंटे की मीटिंग करेंगे और सभी कार्यकर्त्ताओं से राय लेंगे। जो लोग चुनाव के समय पार्टी का झंडा उठाते हैं और बाद में गायब हो जाते हैं, उन्हें पार्टी की कार्यकारिणी में कहीं जगह नहीं मिलेगी। महिलाओं को मौका मिलेगा पूर्व मंत्री मंजू मेघवाल व पूर्व जिला प्रमुख बिंदु चौधरी ने कहा- महिलाओं की राजनीति में भागीदारी होनी चाहिए। क्योंकि, महिला आधी आबादी में अपना हक रखती है। महिलाएं डायरेक्ट ग्राउंड से जुड़कर लोगों की समस्याएं सुनती हैं। इसलिए जिला अध्यक्ष के पद में महिलाओं की भागीदारी होनी चाहिए। जमीनी कार्यकर्ताओं को आगे लाएंगे मकराना विधायक व वर्तमान जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गेसावत ने कहा- कांग्रेस पार्टी ने हमेशा साधारण जमीनी कार्यकर्त्ताओं को उचित मौका दिया है। एक बार हरियाणा गया तो वहां काफी समय से जिला कार्यकारिणी ही नहीं बनी थी। जबकि राजस्थान में पार्टी की जड़ें मजबूत हैं। जो पार्टी से बागी हैं, उन्हें सबक मिलना चाहिए। जिलाध्यक्ष की रेस में कांग्रेस के निष्ठावान और जमीनी कार्यकर्त्ताओं को वरीयता मिलेगी। गौरतलब है कि फरवरी 2016 से जाकिर हुसैन गेसावत ही लगातार जिलाध्यक्ष बने हुए हैं। सिफारिश से नहीं बनेंगे जिलाध्यक्ष नागौर प्रभारी व सुजानगढ़ विधायक मनोज मेघवाल ने कहा- कई बार ऐसी परिस्थितियां आ जाती है जिनके कारण बागी नेताओं को भी पार्टी में लेना पड़ता है। पहले लोग कहते थे जिलाध्यक्ष सिफारिश से बनते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इसके लिए राहुल गांधी ने संगठन सृजन अभियान चलाया है। कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पण ही असली योग्यता होगी। बैठक में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष व को-ऑब्जर्वर मूलाराम भादू, कार्यकारी जिलाध्यक्ष हनुमानराम बांगड़ा, पूर्व विधायक रामचंद्र झाराेड़ा, चिमन वाल्मीकि मेड़ता, प्रदेश सचिव आईदान भाटी, जिला महासचिव दिलफराज खान, मनीष मिर्धा, पूर्व जिला प्रमुख सहदेव चौधरी, मूंडवा पूर्व प्रधान राजेंद्र फिड़ौदा, रिद्धकरण लामरोड़ जायल, शौकत अली समेत काफी संख्या में कांग्रेसी मौजूद थे।