फिर जेल लौटा आसाराम, हाईकोर्ट में नहीं हुई सुनवाई:सजा स्थगन-उपचार अवधि बढ़ाने की याचिकाओं को दूसरी बेंच में भेजने को कहा, एक महीने से आरोग्यम हॉस्पिटल में था

नाबालिग से रेप के मामले में सजायाफ्ता आसाराम एक बार फिर जोधपुर सेंट्रल जेल में पहुंच गया है। पिछले एक महीने से वह पाली रोड स्थित आरोग्यम हॉस्पिटल में इलाज ले रहा था। इसकी अवधि बढ़ाने की अर्जी पर मंगलवार को सजा स्थगन याचिका की सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट ने exception (not before me) लेते हुए सुनवाई से मामले को दूसरी बेंच में भेजने को कहा। इस पर आसाराम की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की कोर्ट जयपुर में अर्जी लगा दूसरी बेंच बनाकर सुनवाई व आरोग्यम में उपचार कराने की अवधि बढ़ाने का आग्रह किया गया। हालांकि इस पर मंगलवार को सुनवाई नहीं हुई। इसी के चलते आसाराम को एक बार फिर से जोधपुर सेंट्रल जेल में लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। देर शाम आसाराम आरोग्यम से निकलकर सेंट्रल जेल पहुंच गया। दो याचिकाओं पर होनी थी सुनवाई
इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट में आसाराम की दो याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी। इनमें पहला मामला मेडिकल ग्राउंड पर आजीवन कारावास की सजा स्थगन की याचिका तो दूसरा मामला जोधपुर के आरोग्यम हॉस्पिटल में भर्ती रहकर उपचार कराने की अवधि बढ़ाने को लेकर था। इन दोनों ही मामलों पर जस्टिस विनीत कुमार माथुर और जस्टिस बिपिन गुप्ता की खंडपीठ में सुनवाई होनी थी। जिसे कोर्ट ने अन्य बेंच को ट्रांसफर करने को कहा। आसाराम को वर्ष 2018 में जोधपुर की विशेष पॉक्सो अदालत ने नाबालिग से यौन शोषण के मामले में जीवित रहने तक कारावास की सजा सुनाई थी। इस सजा के खिलाफ आसाराम की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी, जिसमें सजा को स्थगित करने की मांग की गई है। दूसरे मामले में आसाराम वर्तमान में जोधपुर के आरोग्यम पंचकर्म केंद्र में इलाज करा रहा हैं। यह केंद्र पाली रोड पर न्यू कैम्पस के सामने स्थित है। पिछले एक महीने से आसाराम इसी हॉस्पिटल में है और इससे पहले भी आसाराम को यहां रहने की अनुमति बार-बार विस्तार के साथ मिलती रही है। अब इस अवधि को एक बार फिर से बढ़ाने की अपील की गई है। मेडिकल ग्राउंड पर मिली राहत का इतिहास 84 वर्षीय आसाराम को इस साल जनवरी में स्वास्थ्य कारणों से 12 साल बाद पहली बार सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी। राजस्थान हाईकोर्ट ने भी इसके बाद इसी आधार पर अंतरिम जमानत दी थी। हालांकि अगस्त 2025 में राजस्थान हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया था। तब आसाराम को 30 अगस्त को जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर करना पड़ा था। हालांकि इसके कुछ दिन बाद से ही आसाराम आरोग्यम हॉस्पिटल में भर्ती है। इससे पहले जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर फैसला दिया था कि आसाराम की हालत स्थिर है। उसे लगातार अस्पताल में भर्ती रहने की आवश्यकता नहीं है। जोधपुर के मणई आश्रम में शिष्या से रेप मामले में हुई थी सजा जोधपुर के मणई गांव में स्थित आश्रम में 15 अगस्त 2013 की रात को नाबालिग शिष्या के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया था। आसाराम को 1 सितंबर 2013 को इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। 2018 में विशेष पॉक्सो कोर्ट ने ताउम्र कारावास की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में राजस्थान हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि अपील की सुनवाई तेजी से की जाए। इसी आधार पर अब 7 अक्टूबर को सुनवाई तय की गई।

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