सिखों के चौथे गुरु श्री गुरु रामदास जी का प्रकाश पर्व देश-विदेश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। वही अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल (स्वर्ण मंदिर) में विशेष आयोजन किए गए हैं, जहा देशभर से लगभग 3 लाख संगत पूरे दिन के दौरान गुरु दर्शन के लिए पहुंच रही है। प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में अमृतसर शहर को फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से भव्य रूप से सजाया गया है। स्वर्ण मंदिर का दृश्य इतना मनमोहक है कि हर कोई इसे अपने मोबाइल फोन में कैद कर रहा है। मंदिर परिसर में कीर्तन दरबार सजाए गए हैं और श्रद्धालु भक्ति में लीन हैं। रात को दीपमालिका और आतिशबाजी का आयोजन रात्रि के समय शानदार आतिशबाजी और घी के एक लाख दीपक जलाए जाएंगे, जो संपूर्ण वातावरण को एक दिव्य प्रकाश से आलोकित कर देंगे। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक भक्ति का प्रतीक है, बल्कि सिख परंपरा की सेवा, विनम्रता और भाईचारे की भावना को भी सजीव करता है। आज पूरे दिन धार्मिक दीवान सजाए जाएंगे। साथ ही गोल्डन टेंपल, श्री अकाल तख्त साहिब और गुरुद्वारा बाबा अटल राय साहिब में विशेष सजावट की है। पूरा दिन गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हॉल में राग दरबार एवं पारंपरिक शबद कीर्तन दरबार का आयोजन होगा, जिसमें पंथ के फेमस रागी जत्थे राग आधारित कीर्तन संगत को सुनाएंगे। सेवा अपनाने की अपील इसी अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने देश-विदेश की संगतों को प्रकाश गुरुपर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चौथे पातशाह श्री गुरु रामदास जी का जीवन सेवा, प्रेम-भक्ति और श्रेष्ठ गुणों से भरपूर है। गुरु साहिब द्वारा पूर्ण श्रद्धा और निस्वार्थ भाव से निभाई गई सेवा की मिसाल दुनिया के इतिहास में कहीं और नहीं मिलती। उन्होंने सिख धर्म के वृक्ष को फलने-फूलने के लिए अनेक कार्य किए और जनमानस को आत्मिक, धार्मिक और सामाजिक रूप से मार्गदर्शन और प्रेरणा दी। धामी ने सिख समुदाय से अपील की कि गुरु साहिब के महान जीवन से प्रेरणा लेकर अपने भीतर नम्रता, सेवा और सिमरन की भावना विकसित करें तथा सिख पंथ के सिद्धांतों को अपने व्यावहारिक जीवन का हिस्सा बनाएं। तस्वीरों में देखें गुरुपर्व-


