सरकारी महिला टीचर की रोड एक्सीडेंट में मौत हो जाने के बाद न्यायालय मोटर दुर्घटना वाद न्यायाधिकरण, कोर्ट (सीकर) ने परिजनों को 1. 26 करोड़ का मुआवजा देने का अवार्ड पारित किया है। 4 साल पहले महिला टीचर की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। शुक्रवार को पीठासीन अधिकारी रेखा राठौड़ ने यह फैसला सुनाया। जानकारी अनुसार 24 नवंबर 2020 को महिला टीचर सुमित्रा देवी स्कूटी से पुरा बड़ी गांव से गणेशपुरा जा रही थी। इस दौरान बोसाना गांव के पास तेज रफ्तार की अनियंत्रित पिकअप गाड़ी ने सुमित्रा की स्कूटी को टक्कर मार दी। घटना में टीचर की मौके पर ही मौत हो गई। जिसके बाद सुमित्रा के बेटे चेतन और बेटी हिना ने न्यायाधिकरण में अपील दायर करते हुए हर्जाने की मांग की। कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधिकरण ने वाहन बीमा कंपनी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को 1 करोड़ 26 लाख 26 हजार 171 रुपए का क्लेम देने का आदेश दिया। इंश्योरेंस कंपनी को क्लेम की गई राशि 60 दिन में जारी करने को कहा गया है। इस मामले में मृतका के बेटे व बेटी की तरफ से एडवोकेट महेंद्र बाजिया ने पैरवी की थी। चेतन-हिना ने कहा- मामले में सुनाया गया फैसला न्याय संगत है। एडवोकेट बाजिया ने कहा- मृतक का महिला सरकारी टीचर थी और वह अपनी ड्यूटी पर गणेशपुरा जा रही थी। मृतका की सैलरी 56 हजार रुपए थी। चश्मीत गवाह सुरजीत ने कोर्ट में पेश होकर चालक हरफूल सिंह की लापरवाही को कोर्ट में साबित किया और बयान दिए। जिसके बाद निर्णय आया। वहीं एक्सीडेंट के एक अन्य मामले में भवानीपुरा के विनोद जांगिड़ की सड़क हादसे में मौत होने पर श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी को 78 लाख 44 हजार 471 रुपए का क्लेम देने का आदेश दिया है। विनोद की बेटी विनीता, मां हणमानी और पिता नागरमल की तरफ से भैरवी एडवोकेट महेंद्र बाजिया ने की थी। एडवोकेट महेंद्र बाजिया ने बताया- विनोद कुमार निवासी भवानीपुरा (सीकर) 20 नवंबर 2020 को अपनी बाइक से गांव भवानीपुरा से सीकर जा रहा था। विनोद कुमार एनएच-52 पर नानी-धोद चौराहा के बीच पहुंचा तो सामने से आ रही बोलेरो चालक महिपाल सिंह ने लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए उसे टक्कर मार दी। घटना में विनोद कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद विनोद की बेटी विनीता, मां हणमानी और पिता नागरमल ने न्यायालय मोटर दुर्घटना वार्ड न्यायाधिकरण (सीकर) में दावा पेश किया। इस दौरान शुक्रवार को पीठासीन अधिकारी रेखा राठौड़ ने मामले की सुनवाई करते हुए ब्याज सहित क्लेम राशि 78 लाख 44 हजार 471 रुपए देने का आदेश पारित किया। कोर्ट ने कहा- श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कम्पनी को 1 महीने में यह राशि देनी होगी।