DAVV में पहले सरस्वती पूजन, फिर काम शुरू होंगे:कुलगुरू भी रोजाना पूजन में शामिल होंगे; इंजीनियरिंग सेक्शन हेड पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप

इंदौर के देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में अब रोजाना सरस्वती पूजन होगा। पूजन के बाद ही अधिकारी-कर्मचारी काम शुरू करेंगे। रोजाना सरस्वती पूजन को लेकर बकायदा यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने आदेश भी जारी किया है। विश्वविद्यालय प्रबंधन के मुताबिक, यूनिवर्सिटी के नालंदा परिसर में रोजाना सुबह सरस्वती पूजना होगा। परिसर में रोजाना पूजन का सिलसिला सोमवार से शुरू किया जाएगा। जिसमें अनिवार्य रूप से सभी को शामिल होना है। कुलगुरू भी रोजाना इस पूजन में शामिल होंगे। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि “”कुलगुरू के द्वारा कार्यस्थल पर कार्यों की शुरुआत सकारात्मक ऊर्जा के साथ करने संबंधी नवीन पहल आरंभ की जा रही है। इस हेतु कुलगुरू द्वारा प्रतिदिन प्रातः 10.25 पर नालंदा परिसर में स्थित बगीचे (लेखा विभाग के सामने) में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन किया जाएगा। समस्त अधिकारी और कर्मचारी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। आदेश 12 दिसंबर देर शाम जारी किया गया है। आइएमएस पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप यूनिवर्सिटी के आइएमएस विभाग के ऑडिटोरियम के रिनोवेशन को लेकर अब भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे है। यह आरोप इंदौर के संवाद क्रांति संस्था ने लगाए है। संस्था ने इस पूरे मामले की कुलपति से शिकायत की है। 32 वर्ष पुराने विश्वविद्यालय के विभाग आईएमएस के भवन में स्थित सभागृह के नवीनीकरण के नाम पर करीब ढाई से तीन करोड़ रुपए खर्च करने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। इससे पहले छात्रों ने आईएमएस के गिरते छज्जों की शिकायत की तो छज्जों पर इंजीनियरिंग विभाग ने रेलिंग लगाने का काम शुरू कर दिया। बिना टैंडर सवा छह लाख के लोहे की रेलिंग लगा दी गई। इसे संस्थान ने आपत्ति लेते हुए रोक दिया। इससे स्पष्ट है कि मनमाने तरीके से भ्रष्टाचार कर कमीशनखोरी के लिए सब हो रहा है। जबकि 4 करोड़ में आईएमएस का नया भवन बन सकता है। शिकायत में आगे लिखा है कि, इंजीनियरिंग विभाग में डॉ नागेंद्र सोहनी जो असल में मैकेनिकल इंजीनियर है उन्हें सिविल का सुपरविजन और इंजीनियरिंग सेक्शन को लीड करने की जिम्मेदारी दी गई है। विवि के विभाग ही इंजीनियरिंग सेक्शन के कार्यों में भ्रष्टाचार की आशंका जता रहे है। भ्रष्टाचार की जांच कर कमीशनखोर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। स्वतंत्र इंजीनियर से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग व अन्य जांच करवाने का आदेश दिया जाए। साथ ही इंजीनियरिंग सेक्शन में योग्य लोगो की नियुक्ति कर कमीशनखोरी करने वालों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।

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