ASI की पत्नी बोलीं- मुख्यमंत्री को बचाते शहीद हुए पति:सीएम यहां क्यों नहीं आए, उनको नहीं बचाते तो क्या करते; 6 महीने पहले ट्रैफिक में लगे

जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफिले की दो गाड़ियों को एक टैक्सी ने टक्कर मार दी। बुधवार को हुए एक्सीडेंट में टैक्सी को रोकने के प्रयास में ASI सुरेंद्र सिंह (52) की मौत हो गई। गुरुवार शाम नीमराना (कोटपूतली-बहरोड़) में पैतृक गांव काठ का माजरा में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले, गुरुवार सुबह जयपुर पुलिस लाइन में सुरेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि देने के बाद पत्नी सविता सिंह का दर्द फूट पड़ा। उन्होंने कहा- मुख्यमंत्री को बचाते हुए मेरे पति शहीद हो गए, सीएम हमारे पास आए क्या? उनको कहना चाहिए था कि मेरी वजह से हुआ है। अगर वो बीच में खड़े नहीं होते, उनको नहीं बचाते, साइड में हो जाते तो क्या करते? हमें रिटन में चाहिए, हम किस पर विश्वास करें। हमारी मांगें पूरी होनी चाहिए। मेरे पति तो चले गए, अब मैं बच्चों को लेकर कहां जाऊं। अफसर ने खींचा तो नाराज हुईं एएसआई की पत्नी
मीडिया से बात करने के दौरान महिला पुलिस अफसर ने सुरेंद्र सिंह की पत्नी को रोकने की कोशिश की। सविता सिंह ने नाराज होते हुए अधिकारी से कहा- आप रुकिए। आपको पता नहीं है, मेरे साथ क्या हो रहा है। मुझे बोलने दीजिए, आप खींच रहे हो मुझे। मुख्यमंत्री को यहां होना चाहिए। हमें मुख्यमंत्री से बात करनी है। उनको यहां आना चाहिए। वहीं, पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने परिजनों को मौखिक आश्वासन दिया है कि उनके सभी मांगें मान ली जाएंगी। पिता आर्मी में कैप्टन रहे
करीब 25 साल की पुलिस सर्विस में सुरेंद्र सिंह ज्यादातर जयपुर में ही पोस्टेड रहे। कॉन्स्टेबल रमेश चंद्र ने बताया कि सुरेंद्र सिंह 6 महीने पहले ही ट्रांसफर होकर ट्रैफिक में आए थे। साल 1992 बैच के सुरेंद्र सिंह नीमराना (कोटपूतली-बहरोड़) के गांव काठ का माजरा के रहने वाले थे। उनके पिता रोहिताश इंडियन आर्मी में कैप्टन थे। सुरेंद्र सिंह राजस्थान पुलिस में कॉन्स्टेबल पद पर भर्ती हुए थे। साल 2018 में प्रमोशन के बाद ASI बने थे। जयपुर के करणी विहार इलाके में सुरेंद्र सिंह पत्नी और बेटा-बेटी के साथ रहते थे। उनका बेटा MBBS के बाद इंटर्नशिप कर रहा है। बेटी UPSC की तैयारी कर रही है। उनके पिता गांव में ही रहते हैं। सुरेंद्र सिंह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। ASI सुरेंद्र सिंह स्ट्रीट डॉग्स लवर थे। पिछले 25 साल से डॉग्स को खाना खिला रहे थे। उनके इस धार्मिक काम में उनकी पत्नी का भी बराबर सहयोग रहता था। राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार, तिरंगा यात्री निकाली
ASI सुरेंद्र सिंह का गुरुवार शाम करीब 4 बजे पैतृक गांव काठ का माजरा में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस के जवानों के गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद बेटे आकाश ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले, पार्थिव देह को जयपुर से करीब दो बजे पैतृक गांव काठ का माजरा लाया गया था। नीमराना के हीरो चौक से लेकर घर तक करीब ढाई किलोमीटर की दूरी तक युवाओं ने उनकी तिरंगा यात्रा निकाली। हर महीने मां से मिलने जाते थे सुरेंद्र सिंह
पड़ोसी कर्मवीर चौधरी ने बताया कि एएसआई सुरेंद्र सिंह अक्सर गांव आते रहते थे। हाल ही में मेरी मां का निधन हुआ था। सुरेंद्र सिंह पत्नी के साथ 27 नवंबर को शोक जताने के लिए गांव आए थे। कर्मवीर चौधरी ने बताया कि सुरेंद्र सिंह की पढ़ाई भी दूसरे शहर में हुई थी, लेकिन उन्होंने कभी परिवार और गांव से अपना लगाव नहीं छोड़ा। हालांकि, सुरेंद्र सिंह उनसे उम्र में बड़े थे, लेकिन जब भी गांव आते थे, हमेशा साथ खेलते थे। हंसमुख और शांत स्वभाव के सुरेंद्र सिंह को गाड़ियों का बहुत शौक था। बहरोड़ से इनपुट- जितेंद्र सिंह नरूका ….. सीएम काफिले के एक्सीडेंट से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए 1. CM के बाद उपराष्ट्रपति के काफिले में ट्रक घुसा:एक दिन में दो बार VIP सुरक्षा में चूक, 1 एएसआई की मौत, 4 पुलिसकर्मी घायल जयपुर में एक दिन में वीआईपी सुरक्षा में दो बड़ी चूक हुईं। बुधवार को सीएम भजनलाल शर्मा के काफिले की गाड़ियों को एक टैक्सी ने टक्कर मार दी। दोपहर तीन बजे अक्षयपात्र सर्किल पर हुए एक्सीडेंट में एएसआई सुरेंद्र सिंह की मौत हो गई। वहीं, 4 पुलिसकर्मी घायल हो गए। एक घंटे बाद इसी सर्किल से निकले रहे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की कारों के बीच एक सिलेंडर से भरा ट्रक घुस गया। (पूरी खबर पढ़ें) 2. मुख्यमंत्री के काफिले में घुसी टैक्सी, 2-गाड़ियों से भिड़ी:रोकने वाले ASI को उड़ाया, मौत; भजनलाल खुद अस्पताल लेकर गए थे जयपुर में एक टैक्सी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफिले में घुस गई और आगे चल रही दो गाड़ियों से भिड़ गई। इस हादसे में 1 एएसआई की मौत हो गई, जबकि 4 पुलिसकर्मी, टैक्सी ड्राइवर सहित 6 लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए। (यहां पढ़ें पूरी खबर)

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *