CBI: रेलवे के पार्किंग व Pay–Use ठेकेदारों पर एफआईआर:6 कॉन्ट्रेक्टर्स ने 8 ठेकों में रेलवे के साथ किया 64 लाख का फ्रॉड, कुछ रेलकर्मी भी मिले हुए

जोधपुर के राइका बाग रेलवे स्टेशन पार्किंग स्टैंड ठेकेदार के खिलाफ 21 लाख रुपए के फ्रॉड के मामले की जांच तो अभी सीबीआई कर ही रही है, वहीं अब एक और एफआईआर दर्ज की गई है, उसी ठेकेदार सहित पांच अन्य कॉन्ट्रेक्टर्स के खिलाफ। इन आरोपियों ने कुछ रेलकर्मियों के साथ साठगांठ करके 64 लाख रुपए से ज्यादा का फ्रॉड कर डाला। इनमें छह ठेके पार्किंग से जुड़े थे, तो दो ठेके पे-एंड-यूज शौचालयों के संचालन के थे। इनमें भी फ्रॉड करने का तरीका भी वैसा ही था, जिस तरह का मामला राइका बाग रेलवे स्टेशन की पार्किंग को लेकर पकड़ में आया था। सीबीआई द्वारा 2 मई को दर्ज FIR के अनुसार – जोधपुर के सीनियर डीसीएम विकास खेड़ा की ओर से 21 अप्रैल को शिकायत दी गई। शिकायत में बताया गया कि उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल में पार्किंग स्टैंड तथा स्टेशन पर शौचालयों के संचालन को लेकर कॉन्ट्रेक्ट किए गए थे, जो मई 2022 से मई 2024 तक की अवधि के लिए थे। इनमें ठेका फर्म लोकेश चंद मीणा को 4 व्हीलर पार्किंग, मै. संगम आर्ट को शौचालय व स्नानघर पे एंड यूज के दो कॉन्ट्रेक्ट (प्लेटफार्म संख्या 1 व वेटिंग हॉल) के लिए, मै. कृष्णा एंटरप्राइजेज को दुपहिया वाहन पार्किंग, बबलू राम मीणा को 4 व्हीलर पार्किंग, अस्पाक खान को राइका बाग पार्किंग, प्रमोद मीणा के दो कॉन्ट्रैक्ट 4 व्हीलर व 2 व्हीलर पार्किंग का कॉन्ट्रेक्ट थे। इन सभी 8 स्थानों पर वित्तीय गबन सामने आया आय के मिलान के दौरान। 15 डिमांड ड्राफ्ट में 39.44 लाख की राशि, करवा दिए रद्द सीबीआई को मिली रिपोर्ट के अनुसार – इन सभी 6 कॉन्ट्रेक्टर्स द्वारा रेलवे से कॉन्ट्रेक्ट लेने की तय शर्तों की पालना में 39 लख 43 हजार 725 रुपए के 15 डिमांड ड्राफ्ट तो बनवाए, लेकिन रेलवे के ही कुछ कार्मिकों से साठगांठ कर इन्हें रद्द करवा कर उन्हीं के खातों में जमा कर दी गई। इतना ही नहीं, आरोपियों ने कॉन्ट्रेक्ट अवधि के दौरान तय हुए लाइसेंस शुल्क और अन्य श्रेणी की राशि भी जमा नहीं कराई। इस तरह से रेलवे के साथ 64.62 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर दी। डिमांड ड्राफ्ट रेलवे के नाम, भुनाए खुद ठेकेदारों ने रेलवे सूत्रों के अनुसार लाइसेंस शुल्क जमा करने के लिए इन सभी ठेकेदारों ने रेलवे के नाम डिमांड ड्राफ्ट बनवाकर एकबारगी जमा भी कराए, लेकिन वो राशि रेलवे के खाते में जमा करवाने की बजाय स्टाफ की मिलीभगत से खुद ठेकेदारों ने ही भुना लिए। सीबीआई की एक एफआईआर में रेलकर्मी भी नामजद उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी सीबीआई ने कुछ दिनों पहले ही एक एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें रेलवे की एक महिला अधिकारी मनीला चौहान के साथ अन्य को नामजद किया गया था। उस प्रकरण में जोधपुर मंडल के राइकाबाग रेलवे स्टेशन पर पार्किंग का ठेका सितंबर 2022 अहमदाबाद की फर्म मेसर्स श्री आरोही एंटरप्राइजेज को में 3 साल की अवधि के लिए 28.49 लाख रुपए में दिया गया था। उसमें भी लाइसेंस शुल्क जमा करने के लिए बनवाए गए डिमांड ड्राफ्ट भी ठेकेदार ने खुद ही भुना लिया। कार्यालय द्वारा की गई प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ठेकेदार मेसर्स श्री आरोही एंटरप्राइजेज वाणिज्यिक विभाग की सामान्य शाखा में कार्यालय अधीक्षक पद पर कार्यरत मनीला चौहान के साथ साजिशन श्री आरोही एंटरप्राइजेज ने वर्ष 2023 से मार्च, 2025 के दौरान 18 लाख 47 हजार 702/- रुपये के कुल 19 डिमांड ड्राफ्ट खुद ही भुना लिए। इसके लिए रेलवे की अधिकारी चौहान ने डीडी को लेखा विभाग में जमा करने के बजाय ठेकेदार को वापस करके अपने ही विभाग के राजस्व में सेंध लगवाई। इस तरह, इस गिरोह ने रेलवे को 20.95 लाख से अधिक का नुकसान पहुंचाया। सीबीआई अब इन ठेकेदारों के खिलाफ जांच में जुटी –

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