CGPSC घोटाला:रिसॉर्ट से पेपर करवाते थे सॉल्व, एक पद के लिए 1 करोड़ तक वसूली

2021 में वैकेंसी आई थी, 2022 में हुआ था एग्जाम सीजीपीएससी मेन्स 2022 के 35 उम्मीदवारों को परीक्षा के पांच दिन पहले मूल परीक्षा का पर्चा सॉल्व कराया गया था। इसके लिए दलालों से पर्चा खरीदने वाले उम्मीदवारों को महासमुंद के बारनवापारा रिसॉर्ट में ठहराया गया था।
यह खुलासा 16 अप्रैल को सीबीआई के पांच स्थानों पर छापेमारी में मिले दस्तावेजों से हुआ है। सीबीआई की छापेमारी के बाद पूछताछ में पता चला है कि मेन्स परीक्षा से पहले ही पर्चा लीक हो गया था। 30-35 लोगों को पहले से बैठाकर इसकी तैयारी करवाई जाती थी, जिसके लिए महासमुंद जिले के बारनवापारा रिसॉर्ट को 11 मई से 24 मई 2022 तक बुक किया गया था। यहीं बैठाकर उम्मीदवारों को पर्चा सॉल्व करवाया जाता था। (यह वही पर्चा है, जो सीजीपीएससी 2022 के मेन्स परीक्षा के लिए सेट किया गया था) उम्मीदवारों को पेपर सॉल्व करवाने के लिए बाकायदा 2 सॉल्वर रखे गए थे। यह सॉल्वर कोचिंग अकादमी में पढ़ाने वाले लोग हैं। तीन दलाल मिलकर इन दोनों सॉल्वर को रोज अलग-अलग विषय के पर्चे देते थे। यह बात दलालों ने पूछताछ में कबूल की है। इसके अलावा एक-एक पद के लिए 40 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपए तक की मोटी रकम वसूली गई है। ​डिप्टी कलेक्टर पद के लिए उम्मीदवारों से 1 करोड़ रुपए वसूले गए। इस बीच, रुपए देकर पेपर खरीदने वाले उम्मीदवारों के नाम सीबीआई के पास पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही इस मामले को लेकर बड़ी गिरफ्तारी होने वाली है। सीबीआई के सीनियर अधिकारी के मुताबिक इन दस्तावेजों की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। 6 दिन चला खेल: 24 से 29 मई तक पूरा खेल चला। इस दौरान रिसॉर्ट से उम्मीदवारों को सीधा रायपुर के वेकेटेंस इंटरनेशनल होटल में रुकवाया गया। यहां से इन्हें कांकेर रोड वेज की बसों में बैठाकर परीक्षा सेंटर तक आने-जाने का काम होता था। परीक्षा चलने तक ऐसा किया गया। ये हैं बड़े किरदार इन दलालों तक पर्चा कैसे पहुंचता था इसकी पड़ताल करेगी सीबीआई लोक सेवा आयोग के पेपर चेयरमैन और परीक्षा नियंत्रक के कंट्रोल में होते हैं, लेकिन विकास और उत्कर्ष के पास यह पर्चा कैसे पहुंचा? कौन और किस माध्यम से इन्हें पर्चा देते थे? इसके बीच की कड़ी कौन है? बताया जा रहा है कि सीजीपीएससी घोटाले में यह अब तक के सबसे बड़े सबूत हैं। दावा है कि अब जल्द ही इस पूरे घोटाले की कहानी सामने आने वाली है। मेन्स परीक्षा में दलालों के माध्यम से बैठे 35 लोगों में से कितने अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, इसकी भी जांच की जा रही है।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *