CJI गवई का सुझाव- ज्यूडीशियरी का विकेंद्रीकरण हो:यह न्याय को घर-घर पहुंचाने के लिए जरूरी, लेकिन सरकार और अदालतों में एक जैसी लालफीताशाही

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण गवई ने शुक्रवार को जनता के घर-द्वार तक न्याय पहुंचाने के लिए न्यायपालिका के विकेंद्रीकरण का सुझाव दिया। वे अपने पैतृक जिले अमरावती के दरियापुर कस्बे में कोर्ट बिल्डिंग का उद्घाटन करने पहुंचे थे। CJI गवई ने कहा कि न्यायिक अवसंरचना समिति के प्रमुख के रूप में उन्होंने नए तालुका और जिला न्यायालयों की स्थापना का एक मॉडल तैयार किया है। उनके प्रस्ताव पर काम हो रहा है, लेकिन अदालतों और सरकार में लालफीताशाही एक जैसी है। हालांकि उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे न्यायिक अवसंरचना कार्यों के प्रति सकारात्मक रहे हैं। आज भी पर्याप्त फंड दिया जा रहा है। CJI ने कहा कि वह दरियापुर में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नहीं, बल्कि निवासी के रूप में आए हैं। उन्होंने कहा- दरियापुर कोर्ट यह सुनिश्चित करेगा कि न्याय समाज का सबसे आखिरी व्यक्ति तक पहुंचे। जूनियर वकीलों से कहा- 6 महीने में महंगी कार खरीदने वाले अपने इरादे समझें CJI गवई ने नए लॉ ग्रेजुएट्स को सलाह दी कि वे वकीलों से जुड़े पद और प्रतिष्ठा को अपने दिमाग पर हावी न होने दें। इस दौरान उन्होंने जूनियर वकीलों को सलाह दी कि वे अपना करियर बनाने से पहले प्रशिक्षुता हासिल करें। अगर कोई बिना किसी अनुभव के अदालतों में बहस करना चाहता है और छह महीने में मर्सिडीज या बीएमडब्ल्यू का मालिक बनना चाहता है, तो उसे अपने इरादे समझने की जरूरत है। CJI बोले- मैंने जूनियर वकीलों को अपने सीनियर को सीट देते हुए देखा है। इसी तरह, एक ऐसा मामला भी आया जब एक जूनियर वकील अदालत में बेहोश हो गया जब उसे जज ने बर्खास्त कर दिया। जज और वकील दोनों बराबर के भागीदार हैं। कुर्सी लोगों की सेवा के लिए होती है और इससे जुड़ी शक्ति हावी नहीं होने देना चाहिए। समारोह की तस्वीरें… पिता की पुण्यतिथि समारोह में पहुंचे थे CJI मुख्य न्यायाधीश अपने पिता आरएस गवई की 10वीं पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। आरएस गवई केरल और बाद में बिहार के राज्यपाल भी रहे।

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