इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे के 22 साल के स्टूडेंट ने पवई स्थित हॉस्टल की छत से कूदकर सुसाइड कर लिया। स्टूडेंट का नाम रोहित सिन्हा था और वह दिल्ली का रहने वाला था। वह IIT बॉम्बे में मेटा साइंस के फाइनल ईयर का स्टूडेंट था। घटना शनिवार रात की है। जब रोहित ने हॉस्टल की 10वीं मंजिल से रात करीब 2:30 बजे छलांग लगाई। उसी समय हॉस्टल में ही रहने वाला एक अन्य स्टूडेंट छत पर मोबाइल पर बात कर रहा था। इसके बाद अन्य छात्रों की मदद से रोहित को हीरानंदानी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। पुलिस ने बताया कि रोहित के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मृतक को मोबाइल फोन खंगाला जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी उसके बारे में जांच कर सुसाइड के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मृतक छात्र के परिजनों और दोस्तों से भी बात की जा रही है, ताकि आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा सके। पुलिस ने मामले में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। 2024 से IIT के 14 छात्रों ने की आत्महत्या
जनवरी 2024 से अगस्त 2025 IIT में पढ़ने वाले 14 छात्रों ने सुसाइड किया है। सबसे ज्यादा चार सुसाइड IIT खड़गपुर में हुए। इसके बाद एक 10 सदस्यीय समिति गठित की गई, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम पर ध्यान दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने मई 2025 में IIT खड़गपुर और कोटा में आत्महत्या के मामलों में एफआईआर दर्ज करने की स्थिति की जांच की और इसे परेशान करने वाला पैटर्न बताया। आरटीआई डेटा के अनुसार, 2005 से 2024 तक आईआईटी में कुल 115 सुसाइड केस हुए, जिनमें से 37 मामले 2019-2024 के बीच हुए। 2024 में IIT ने मानसिक दबाव को कम करने के लिए अटेंडेंस नियमों में ढील और लंबी छुट्टियां देने जैसे नीतिगत सुधार किए हैं। सुप्रीम कोर्ट बोला- स्टूडेंट सुसाइड सिस्टम की नाकामी
सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को स्टूडेंट सुसाइड की बढ़ती घटनाओं को लेकर चिंता जताई थी और इसे सिस्टम की नाकामी बताया था। कोर्ट ने कहा था कि इन घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट में बढ़ते आंकड़े परेशान करने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में देशभर में कुल 1 लाख 70 हजार 924 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें से 13,044 छात्र थे। साल 2001 में स्टूडेंट्स की मौत के आंकड़े 5,425 थे। NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, 100 आत्महत्याओं में करीब 8 छात्र शामिल थे। इनमें से 2,248 छात्रों ने सिर्फ इसलिए जान दे दी, क्योंकि वे परीक्षा में फेल हो गए थे। कोर्ट ने 15 दिशा-निर्देश जारी किए
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूरे देश के लिए 15 अहम दिशा-निर्देश जारी किए। इसका मकसद छात्रों की मानसिक स्थिति को सुधारना और आत्महत्या की घटनाओं को रोकना है। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह 90 दिनों के अंदर हलफनामा जमा करे, जिसमें यह बताया जाए कि छात्रों की मानसिक परेशानियों पर काम कर रही नेशनल टास्क फोर्स की रिपोर्ट और सुझाव कब तक पूरे किए जाएंगे। 10 फरवरी को कानपुर IIT में छात्र ने सुसाइड किया, परिजन बोले- प्रोफेसर के गाइडेंस में दिक्कत
नोएडा के जागृति अपार्टमेंट सेक्टर-71 में रहने वाले रामसूरत यादव का बेटा अंकित यादव (24) कानपुर आईआईटी में केमिस्ट्री से पीएचडी कर रहा था। यह उसका पहला साल था। अंकित यादव ने 10 फरवरी शाम 5 बजे सुसाइड कर लिया था। पुलिस को कमरे से 3 लाइन का सुसाइड नोट मिला था, जिसमें लिखा था कि मैं क्विट कर रहा हूं…इसमें कोई इन्वॉल्व नहीं है। यह मेरा अपना निर्णय है। पूरी खबर पढ़ें… 4 फरवरी को IIT रुड़की की छात्रा ने आत्महत्या की, सुसाइड से पहले दोस्त से हुआ था झगड़ा
इटारसी के मेहरागांव की रहने वाली अंशु मलैया ने 4 फरवरी को आईआईटी रुड़की के अपने हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। शुरुआत में कहा जा रहा था कि कम नंबर आने की वजह से उसने यह कदम उठाया, लेकिन परिवार ने रुड़की जाकर जब उसके दोस्तों से बात की तो पता चला कि उसका एक दोस्त खुदकुशी के बाद उसका मोबाइल तलाश रहा था। पूरी खबर पढ़ें… सुसाइड से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अहमदाबाद में 10वीं की छात्रा के सुसाइड का VIDEO:क्लास से चाबी का छल्ला घुमाते हुए निकली और छलांग लगाई अहमदाबाद शहर के प्राइवेट स्कूल में 10वीं की एक छात्रा के सुसाइड का एक दिन बाद 25 जुलाई को VIDEO सामने आया था। छात्रा ने चौथी मंजिल से छलांग लगा दी थी। उसके पैर और सिर में गंभीर चोटें आईं। इसके बाद प्राइवेट हॉस्पिटल भर्ती कराया गया। पूरी खबर पढ़ें…