NGT से पंजाब को राहत:धान की रोपाई पहली जून से शुरू हो पाएगी, काननूी अड़चन खत्म, याचिका का निपटारा

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पंजाब सरकार के धान की रोपाई संबंधी किए गए फैसले में दखल देने से मना कर दिया है। एनजीटी के इस फैसले के बाद अब धान की रोपाई पहली जून से होने में अब कोई कानूनी अड़चन नहीं रह गई है। पंजाब सरकार की धान रोपाई पहली जून से शुरू करने का नोटिफिकेशन पहले ही जारी कर चुकी है। चंडीगढ़ के एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने पंजाब सरकार के इन आदेशों को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी। इन्होंने सरकार के नोटिफिकेशनों को रद्द करने व धान की रोपाई आगे डालने की मांग की थी। हालांकि, याचिका में दिए गए तथ्यों पर एनजीटी की तसली नहीं हुई है। याचिका में दी थी यह दलील याचिका में कहा गया था कि पंजाब प्रिजर्वेशन ऑफ सब-सॉइल वाटर एक्ट 2008 की धारा तीन के अनुसार किसी भी किसान को खेती कैलेंडर के मुताबिक दस मई से पहले पनीरी की बिजाई की अनुमति नहीं है। मुख्यमंत्री के प्रेस में दिए बयान के आधार पर यह याचिका दायर की गई थी। लेकिन रिकॉर्ड में ऐसा समाचार नहीं पाया गया ।ट्रिब्यूनल ने कहा कि याची को तिथि में बदलाव से पर्यावरण व भूजल स्तर पर पड़ने वाले प्रभाव को प्रदर्शित करना चाहिए। याचिका में ऐसा कोई प्रमाणिक सामाग्री नहीं थी। पर्यावरण प्रेमियों ने जताया था ऐतराज पंजाब सरकार ने धान की रोपाई के लिए पहली जून से बिजली और पानी के प्रबंध पूरे कर लिए हैं। इसको लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों की मीटिंग हो चुकी है। काफी सालों बाद धान की बिजाई एक जून से शुरू हो रही है। क्योंकि पिछले साल रोपाई 11 जून से शुरू हुई थी और 2009 के बाद से कभी भी 1 जून से रोपाई शुरू नहीं हुई। हालांकि, पर्यावरण प्रेमियों ने इस फैसले पर एतराज प्रकट किया था। उन्होंने इसे घाटे का सौदा बताया था। साथ ही, भूमिगत जल के दुरुपयोग की बात कही थी।

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