नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने लॉरेंस गैंग और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकियों के गठजोड़ के मामले में 22वें आरोपी राहुल सरकार पर चार्जशीट दाखिल की है। राहुल सरकार गैंग के लिए फर्जी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, बैंक पासबुक आदि तैयार करवाता था। इन दस्तावेजों के जरिए गैंग के सदस्यों को पासपोर्ट दिलवाकर विदेश भागने में मदद करता था। जांच में सामने आया है कि राहुल सरकार ने अनेक गैंगस्टरों को देश छोड़ने में सहयोग किया। इस मामले में अब तक 18 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और चार अभी फरार हैं। एनआईए के मुताबिक, राहुल सरकार को गिरफ्तार करके चार्जशीट दायर किया गया है। गिरोह का बन गया था सिस्टम ऑपरेटर वह गिरोह में ‘सिस्टम ऑपरेटर’ की तरह काम करता था और गिरोह के पैसों के लेन-देन व बैंक खाते चलाने में भी अहम भूमिका निभाता था। यह केस अगस्त 2022 में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने शुरू किया था और बाद में एनआईए को इसकी जांच सौंपी गई थी। एनआईए के अनुसार, यह गिरोह आतंकियों के नेटवर्क को संगठित करके देश में दहशत फैलाने की योजना बना रहा था और राहुल जैसे लोग हथियार तो नहीं उठाते, लेकिन दस्तावेजों की हेराफेरी से अपराध की दुनिया को मजबूत करते हैं। जानें कौन है गैंगस्टर राहुल सरकार राहुल सरकार मूल रूप से उत्तराखंड का रहने वाला है। वह फर्जी दस्तावेज तैयार कर गैंगस्टरों को विदेश भेजना, गिरोह के लिए पैसों का लेन-देन संभालता था। 2025 में एनआईए ने राहुल को गिरफ्तार किया था। राहुल का नेटवर्क पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, यूपी के गैंगस्टरों तक फैला हुआ है। उसका काम गिरोह का आधार बनना था, जो संगठित तरीके से दस्तावेजों की हेराफेरी कर नेटवर्क को चलाता था।