राज्य मानवाधिकार आयोग ने एमएमएस अस्पताल के ट्रोमा में हुए अग्निकांड को लेकर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया हैं। आयोग चेयरमैन जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने घटना को हृदयविदारक बताते हुए एसएमएस अस्पताल के प्राचार्य, अधीक्षक, चिकित्सा सचिव, जिला कलक्टर, पुलिस कमिश्नर से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर प्रसंज्ञान लेते हुए कहा कि आयोग इनसे अपेक्षा रखता है कि वे एसएमएस अस्पताल के मरीजों व उनके परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। आयोग ने अग्निकांड के साथ ही कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत और मृत बालक की आंख निकालने के मामले में भी रिपोर्ट मांगी है। एसएमएस अस्पताल प्रशासन मरीजों के प्रति उदासीन
आयोग ने कहा कि हमने पहले भी एसएमएस अस्पताल में प्लास्टर गिरने से मरीजों के घायल होने सहित अन्य मुद्दों पर अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए थे। लेकिन अस्पताल में घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है। ट्रोमा सेंटर में अग्निकांड हादसा मानवता को झकझोर कर रख देने वाली घटना है। वहीं मृत बालक की आंख निकालने और बच्चों को अमानक खांसी सिरप देना भी गंभीर है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि अस्पताल में अग्निशमन सेफ्टी सिस्टम ही सुचारू नहीं था और इस कारण ही अस्पताल में इतना बड़ा हादसा हुआ। आयोग ने कहा कि यह सभी घटनाएं बताती है कि अस्पताल प्रशासन मरीजों व उनके परिजनों के प्रति उदासीन है।