जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में रविवार देर रात आग लग गई। हादसे में 8 मरीजों (हॉस्पिटल स्टाफ के अनुसार) की मौत हो गई। इनमें 3 महिलाएं शामिल हैं। हालांकि सरकार 6 मौत मान रही है। रविवार रात 11 बजकर 20 मिनट पर यह आग ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड के स्टोर में लगी। यहां पेपर, आईसीयू का सामान और ब्लड सैंपलर ट्यूब रखे थे। ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज और सीनियर डॉक्टर ने बताया कि शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है। हादसे के समय आईसीयू में 11 मरीज थे। उसके बगल वाले आईसीयू में 13 मरीज थे। वहीं, इस अग्निकांड की जांच के लिए शासन स्तर पर 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। FSL की टीम मौके पर पहुंची और सबूत इकट्ठे किए। हादसे के करीब 19 घंटे बाद सोमवार देर शाम सरकार ने अग्निकांड में पहली कार्रवाई की। सबसे पहले SMS हॉस्पिटल अधीक्षक और ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज को हटाया गया। साथ ही एक्सईएन निलंबित को निलंबित किया है। फायर सेफ्टी कंपनी पर FIR दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर बोले- हादसे का शिकार मरीज वेंटिलेटर पर थे। उन्हें वेंटिलेटर पर से हटाया जाता तो वैसे ही उनके साथ हादसा होने की आशंका थी। सरकार की ओर से देर शाम मृतक आश्रितों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की गई। हादसे से जुड़ी 3 तस्वीरें देखिए… सबसे पहले जानिए आग भड़कने के तीन कारण… सरकार ने 6 मौत माना
हादसे में मरने वालों की सरकार की ओर से लिस्ट जारी की गई। इसमें पिंटू, दिलीप, श्रीनाथ, रुकमणि, बहादुर और कुषमा की हादसे में मौत माना। दिगंबर वर्मा और सर्वेश देवी की मौत का कारण इस हादसे को नहीं माना है। 6 पॉइंट में जानिए- किसने क्या कहा, क्यों गुस्सा फूटा 1. परिजन बोले- स्टाफ ने हल्के में लिया
बहादुर (मृतक) के परिजनों ने बताया कि जिस स्टोर में आग लगी थी, उसमें ताला लगा हुआ था। वहां मौजूद हॉस्पिटल के स्टाफ को कई बार इसके बारे में बताया गया। बावजूद इसके किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जब धुआं बढ़ने लगा, तब जाकर स्टाफ ने चाबी मंगवाने की बात कही। कुछ ही देर में पूरे वार्ड में धुआं भर गया था और भगदड़ की स्थिति बन गई थी। 2. पहले ही बता दिया था, किसी ने ध्यान नहीं दिया
भरतपुर के रहने वाले शेरू ने बताया कि आग भड़कने से 20 मिनट पहले धुआं निकलना शुरू हुआ था। हमने स्टाफ को बताया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। रात 11:20 बजे तक धुआं बढ़ने लगा और प्लास्टिक की ट्यूब पिघलकर गिरने लगी। मौके पर मौजूद वार्ड बॉय वहां से भाग निकले। शेरू ने बताया कि हमने खुद ही अपने पेशेंट को मुश्किल से बाहर निकाला। हादसे के दो घंटे बाद पेशेंट को ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट किया गया, जब तक मौत हो चुकी थी। 3. ट्रॉमा सेंटर के नोडल अधिकारी बोले- 6 मरीज अंदर फंस गए थे
ट्रॉमा सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि ICU में कुल 11 मरीज थे। इनमें से कुछ को तुरंत निकाल लिया गया था। आग बढ़ने के कारण 6 मरीज अंदर फंस गए थे। अंदर इतनी टॉक्सिक गैस थी कि उधर जाना मुश्किल हो गया था। इससे बचाव कार्य में काफी परेशानी हुई। 4. गृह राज्यमंत्री के सामने गुस्सा फूटा, नाराजगी जताई
मौके पर पहुंचे गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम के सामने मरीजों के परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा था। परिजनों ने कहा कि हमने 20 मिनट पहले बता दिया था कि आग लग गई है। डॉक्टर भाग गए। कम से कम हमें यह बता दिया जाए कि हमारे परिवार वाले जिंदा हैं कि मर गए। 5. सात घंटे बाद बनी सहमति
आग के बाद दम घुटने से मरने वाले मरीजों के परिजन सुबह 8 बजे धरने पर बैठ गए थे। 3 बजे परिजन और प्रशासन के बीच सहमति बनी। गृह मंत्री जवाहर सिंह बेढम, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ, जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी के साथ परिजनों के दो प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि सरकार की तरफ से हर मदद की जाएगी। सोमवार देर शाम मृतक आश्रितों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की गई। 6. स्वास्थ्य मंत्री बोले- हादसे का शिकार मरीज वेंटिलेटर पर थे
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर बोले- जहां घटना हुई, वहां 11 में से 5 मरीजों को बचाया गया। 6 मरीज धुएं के कारण हादसे के शिकार हो गए। क्योंकि वह वेंटिलेटर पर थे। उन्हें वेंटिलेटर पर से हटाया जाता तो वैसे ही उनके साथ हादसा होने की आशंका थी। हमने 6 सदस्यों की जांच कमेटी बना दी है। जो दोषी होगा, उन पर सख्त कार्रवाई होगी। सीसीटीवी पर हमें फुटेज मिलेगा। इसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। हाईकोर्ट की टिप्पणी- ट्रॉमा सेंटर तो नया बना है, वहां भी ऐसा हादसा हो गया ट्रॉमा सेंटर में लगी आग को लेकर हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए सरकारी बिल्डिंग के इंफ्रास्ट्रक्चर पर सवाल खड़े किए। जस्टिस महेंद्र गोयल और जस्टिस अशोक जैन की कोर्ट में झालावाड़ स्कूल हादसे को लेकर स्वप्रेरणा से दर्ज याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान बेंच ने ट्रॉमा सेंटर अग्निकांड को लेकर कहा कि सरकारी बिल्डिंग में यह क्या हो रहा है? कहीं आग लग रही है, कहीं छत गिर रही है। कोर्ट ने कहा कि एसएमएस का ट्रॉमा सेंटर तो नया बना है, वहां भी ऐसा हादसा हो गया। एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक को हटाया
ट्रॉमा सेंटर में आग की घटना के मामले में राज्य सरकार ने एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी, ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ को पद से हटा दिया। एसएमएस में पदस्थापित अधिशाषी अभियंता (एक्सईएन) मुकेश सिंघल को निलंबित कर दिया। साथ ही फायर सेफ्टी एजेंसी एसके इलेक्ट्रिक कंपनी के टेंडर निरस्त करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार ने एसएमएस अधीक्षक का कार्यभार डॉ. मृणाल जोशी और ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज का कार्यभार डॉ. बीएल यादव को दिया है। पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दें… स्वास्थ्यमंत्रीजी! छुपिए मत, मूंछें ही नहीं पूरी प्रतिष्ठा दांव पर:बताइए 8 मौतों का जिम्मेदार कौन? दोषियों को सजा मिलेगी या क्लीन चिट जयपुर के SMS अस्पताल में 8 मौतों के 9 जिम्मेदार:मंत्री-सचिव से लेकर इंजीनियर-ICU इंचार्ज की अनदेखी पड़ी भारी, मरीजों ने जान देकर चुकाई कीमत मरीजों को बेड के साथ ही लेकर भागे परिजन,देखें PHOTOS:सड़क पर पहुंचे; जयपुर के SMS हॉस्पिटल में आग, 8 की मौत परिजनों का दावा – जलते मरीजों को छोड़कर भागा स्टाफ:20 मिनट पहले ही बताया था आग लगी; किसी का मुंह जला, किसी ने दम घुटने से तोड़ा दम खबर के अपडेट्स के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…