स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने 10 हजार रुपए के इनामी बदमाश को अरेस्ट किया है। डमी अभ्यर्थी बैठाकर आरोपी ने एग्जाम पास कर ग्राम सेवक की नौकरी हासिल की थी। एसओजी पूर्व में डमी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा देने वाले टीचर को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। एडीजी (एसओजी) विशाल बंसल ने बताया- ग्राम सेवक भर्ती परीक्षा-2016 के अत्यंत संवेदनशील मामले में डमी अभ्यर्थी बैठाकर नौकरी हासिल करने वाले मुख्य आरोपी लाडूराम विश्नोई पुत्र सोनाराम निवासी धोरीमन्ना बाड़मेर को अरेस्ट किया है। एसओजी की ओर से उस पर 10 हजार रुपए का इनाम रखा हुआ है। 2016 में हुआ था घोटाला
एसओजी के पास एक परिवाद मिला। आरोप था कि ग्राम सेवक भर्ती परीक्षा-2016 में अभ्यर्थी लाडूराम विश्नोई ने स्वयं परीक्षा नहीं दी, बल्कि अपनी जगह एक डमी अभ्यर्थी बैठाकर सरकारी नौकरी हथिया ली। जांच में ये तथ्य सही पाए जाने पर एसओजी ने तुरंत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। डमी अभ्यर्थी निकला द्वितीय श्रेणी का टीचर
एसओजी जांच में सामने आया कि मेन आरोपी लाडूराम विश्नोई ने अपनी जगह परीक्षा देने के लिए गोपाल विश्नोई नामक व्यक्ति को हायर किया था। डमी अभ्यर्थी गोपाल विश्नोई पुत्र जगदीश विश्नोई निवासी बाड़मेर खुद द्वितीय ग्रेड शिक्षक के रूप में जोधपुर में नियुक्त था। जिसे एसओजी ने इस मामले में 19 दिसम्बर 2024 को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। फरार आरोपी को एसओजी ने दबोचा
प्रकरण दर्ज होने के बाद से ही मुख्य आरोपी लाडूराम विश्नोई अपने घर से फरार था। एसओजी लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था, जिसके कारण उसकी गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का इनाम रखा गया। एसओजी की टीम ने खुफिय सूचनाओं पर लगातार निगरानी कर इनामी बदमाश लाडूराम विश्नोई को अरेस्ट किया। संगठित गिरोह की तलाश
एसओजी अब इस भर्ती धोखाधड़ी के पीछे के पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। जांच का मुख्य फोकस यह पता लगाने पर है कि इस धोखाधड़ी में और कौन-कौन शामिल था? क्या अन्य अभ्यर्थियों ने भी यही तरीका अपनाया? क्या इसके पीछे कोई संगठित गिरोह काम कर रहा था। एसओजी ने दोहराया है कि योग्यता आधारित चयन प्रक्रिया में फर्जीवाड़े को जड़ से खत्म किया जाएगा।


