जालंधर में फोकल प्वाइंट, लेदर कांप्लेक्स, सर्जिकल कांप्लेक्स व फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन के प्लाटों को कवर किया गया है। इससे व्यापारियों को सीधा फायदा होगा। – लीज से फ्रीहोल्ड में बदलने पर कन्वर्जन चार्ज वर्तमान रिजर्व प्राइस या कलेक्टर रेट में से जो ज्यादा हो, उसका 20% होगा। – यदि टाइटल डॉक्यूमेंट में “अनअर्न्ड इनक्रीज’ क्लॉज है, तो मूल अलॉटी को 50% की छूट मिलेगी यानी केवल 10% चार्ज देना होगा। – यदि ऐसा कोई क्लॉज नहीं है, तो 75% की छूट मिलेगी, 5% चार्ज होगा। चार्ज का 90% हिस्सा राज्य सरकार, 10% पीएसआईईसी को जाएगा। अर्जी देने के संबंध में नियम : ट्रांसफर फीस नहीं लगेगी। मंजूरी पीएसआईईसी के एस्टेट विंग के हेड द्वारा एसओपी नियमों के अनुसार दी जाएगी। यदि गलत जानकारी दी जाती है, तो पीएसआईईसी का एडिशनल मैनेजिंग डायरेक्टर कन्वर्जन रद्द कर सकता है। इसके खिलाफ 90 दिन के अंदर अपील करनी होगी। की जा सकती है। नई पॉलिसी के लागू होते ही पुरानी रद्द मानी जाएंगी। मुख्यमंत्री दफ्तर कभी भी पॉलिसी में बदलाव कर सकता है। नई पॉलिसी के तहत लीज होल्ड से फ्रीहोल्ड में कन्वर्जन के लिए प्लॉट की मूल कीमत और उस पर लगने वाला ब्याज पूरी तरह चुकाना जरूरी होगा। इसके अलावा एक्सटेंशन फीस, जमीन की लागत में बढ़ौतरी और अन्य सभी बकाया भी चुकाने होंगे। प्लॉट पर कोई कानूनी या वित्तीय अड़चन नहीं होनी चाहिए। प्रवीण पर्व | जालंधर सिटी के ओल्ड फोकल प्वाइंट, एक्सटेंशन तथा इंडस्ट्रीयल कांप्लेक्स में जो कारखानों के प्लॉट हैं, उन्हें सरकारी लीज से मुक्त कर अलॉटी अपने नाम करा सकेंगे। इसके लिए सरकार को बस कन्वर्जन चार्जेज देने पड़ेंगे। सरकार ने 26 जून को कैबिनेट की मीटिंग में जो प्लॉट लीज पर हैं, उन्हें वहां चल रहे कारखाने के मालिकों को देने की पॉलिसी लाने की घोषणा की थी। जालंधर के कारोबारी इसके नियमों का नोिटफिकेशन जारी होने का इंतजार कर रहे थे। 10 जुलाई को जारी हुए नोटीफिकेशन की कारोबारियों ने स्टडी शुरू कर दी है। सरकार का इस पॉलिसी को लाने का मकसद जहां एक ओर राज्य की आमदनी बढ़ाना है तो वहीं, निवेशकों का भरोसा मजबूत करना भी है। इससे कारोबार भी आसान होगा। लीज वाले प्लाट को मॉर्टगेज रखकर लोन लेना मुश्किल होता है। अब लीज से प्लाट फ्री होल्ड होने के बाद कारोबारी इसके मॉर्टगेज करके लोन ले सकेंगे। यह पॉलिसी पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन के अधीन आने वाले सभी इंडस्ट्रियल प्लॉट्स और शेड्स पर लागू होगी।