कैरेबियाई देश त्रिनिदाद एंड टोबैगो में जल्द ही ‘मिनी अयोध्या’ बनाई जाएगी। यहां बनने वाला राममंदिर न केवल भव्य होगा, बल्कि हिंदू धर्म का एक आध्यात्मिक केंद्र बनेगा। सरकार इस पहल को देश की हिंदू आबादी की आस्था को मजबूत करने के साथ ही धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के एक अवसर के रूप में देख रही है। स्थानीय लोग अपने देश को ‘रामायण कंट्री’ कहते
65 प्रतिशत ईसाई आबादी वाले कैरेबियाई देश में करीब 3.5 लाख हिंदू रहते हैं। यहां राम कथा, भजन और भगवद् गीता पाठ की परंपरा पीढ़ियों से जीवित है। ये परंपराएं 19वीं सदी में भारतीय गिरमिटिया मजदूरों के साथ आई थीं। इस कारण स्थानीय लोग पहले से ही अपने देश को ‘रामायण कंट्री’ कहते हैं। सरकार ने की पूर्ण समर्थन की घोषणा
न्यूयॉर्क में ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ राम मंदिर के संस्थापक प्रेम भंडारी ने उत्तर अमरीकी भक्तों के लिए मिनी अयोध्या मंदिर की योजना पेश की है। भंडारी ने प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर को यह प्रस्ताव दिया हैं, जिसे अमली जामा पहनाने की तैयारी चल रही है। हाल में देश के जन सुविधा मंत्री बैरी पदारथ ने इस पहल के लिए सरकार के मजबूत समर्थन की घोषणा की। मंत्री ने कहा कि परियोजना पर अधिकारी सक्रिय रहते हुए चर्चाएं कर रहे हैं। अयोध्या से लाई गई रामलला की प्रतिकृति
राम मंदिर का प्रस्ताव मई 2025 में अयोध्या से लाई गई रामलला की मूर्ति की प्रतिकृति के राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में सफल अनावरण के बाद आया है। कार्यक्रम भंडारी और त्रिनिदाद और टोबैगो में अयोध्या श्रीराम संगठन के अध्यक्ष अमित अलघ की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। इस प्रोग्राम में 10,000 से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए थे। ‘मिनी अयोध्या’ का उद्देश्य उत्तरी अमरीकी और कैरेबियाई देशों के हिंदू भक्तों को निकटतम हिंदू तीर्थ उपलब्ध कराने के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए धार्मिक शिक्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक जीवंत केंद्र बनाना है।


