राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने सोमवार को चुनावों की घोषणा की। लोकसभा व विधानसभा चुनावों की तरह महिला वोटरों की संख्या निकाय व पंचायत चुनावों में ज्यादा रहेगी। चुनाव में फोटोवाली वोटरलिस्ट का उपयोग किया जाएगा। शहरी सत्ता के नेता ईवीएम और ग्रामीण सरकार के प्रतिनिधि मतपत्रों से चुने जाएंगे। फोटो वाले वोटर कार्ड के अलावा 18 पहचानपत्र दिखाकर वोट डाले जा सकेंगे। निकाय चुनाव दलीय आधार पर होंगे, जबकि पंचायत चुनाव गैर दलीय आधार पर होंगे। 49 बूथों पर एयर ड्रॉप लिफ्टंग से जाएंगे मतदान दल: त्रिस्तरीय पंचायतों चुनाव में 1406 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं हैं। यहां सुरक्षा के विशेष उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा 374 बूथों को शिफ्ट किया गया है। आयोग ने 49 बूथों पर चुनाव कराने के लिए मतदान दलों को ले जाने और वापस लाने के लिए एयर ड्रॉप-लिफ्टिंग का सहारा लिया जाएगा। इस बारे में जिलों का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है। आयोग के अनुसार निकाय चुनाव में हर बूथ पर ईवीएम के उपयोग के दौरान एक कनेक्टिंग यूनिट, दो बैलेट यूनिट लगेंगी। 10% यूनिट रिजर्व रहेंगी। नए जिलों को ईवीएम पुराने जिला मुख्यालयों से मिलेंगी। महापौर, अध्यक्ष पदों के लिए निर्धारित व्यय सीमा पर निगरानी रखने के लिए निर्वाचन प्रेक्षक, व्यय प्रेक्षक नियुक्त किए जाएंगे। इसी के साथ ही महापौर, अध्यक्ष पद के लिए व्यय सीमा की निगरानी हेतु जिला निर्वाचन अधिकारी निर्वाचन व्यय संपरीक्षक की नियुक्ति करेगा, जो महापौर,अध्यक्ष पद के अभ्यर्थियों की व्यय लेखा की जांच करेंगे। पर्चा वापसी तक अभ्यर्थियों द्वारा अपनी व्यय लेखा की अनिवार्यतः जांच निर्वाचन व्यय संपरीक्षक से पास कराया जाएगा। महापौर उम्मीदवार 15 से 25 लाख तक खर्च कर सकेंगे, पार्षदों की खर्च सीमा अभी तय नहीं 5 लाख आबादी वाले नगर निगम के लिए महापौर उम्मीदवार अधिकतम 25 लाख खर्च कर सकेंगे। 3 से 5 लाख आबादी में 20 लाख। उससे कम आबादी पर खर्च सीमा 15 लाख रहेगी। 5 साल बाद फिर से प्रत्यक्ष चुनाव
1999 में सरकार ने मेयर चुनने का अधिकार पार्षदों से छीनकर जनता को दिया था। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 2019 में भूपेश सरकार ने अध्यक्ष और महापौर के चुनाव का अधिकार जनता से छीनकर चुने हुए पार्षदों को दे दिया था। 2024 में दोबारा भाजपा की सरकार बनने के बाद विष्णुदेव साय सरकार ने फिर से पुराने नियमों पर ही चुनाव कराने का फैसला लिया। मतदाता पार्षद के साथ महापौर को भी चुनेंगे। अब ये नहीं हो सकेगा आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद व विधायक सिर्फ अतिथि की हैसियत से गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे। उनके संबोधन में ना तो कोई घोषणा होगी और ना ही अपनी सरकार की योजनाओं का बखान। झांकियों में मुख्यमंत्री व मंत्री की तस्वीर नहीं लगेगी। जनता को भाजपा की नीति और नीयत पर भरोसा: साय सीएम विष्णुदेव साय ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा- गांव संवारेंगे, शहर संवारेंगे, हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे। निकाय एवं पंचायत चुनाव का शंखनाद हो चुका है। समूचा छत्तीसगढ़, लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए उत्साहित है। पिछले एक साल में सरकार ने संवारने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम किया है। सरकार ने प्रदेश में ‘मोदी की गारंटी’ के सभी बड़े वादों को प्राथमिकता से पूरा किया है। इसका लाभ नगरीय निकायों, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिल रहा है। भाजपा की सही नीति और साफ नीयत पर जनता काे पूर्ण विश्वास है। निकाय एवं पंचायत दोनों में जीतेगी कांग्रेस: दीपक बैज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने निकाय और पंंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही दावा किया है कि कांग्रेस की चुनावी तैयारी पूरी है। हमें भरोसा है कि चुनाव में जनता का आशीर्वाद कांग्रेस पार्टी को मिलेगा। हम मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और निकाय तथा पंचायत चुनाव दोनों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करेंगे। वैसे निकायों और पंचायतों के चुनाव परिणाम एक साथ घोषित होना चाहिए। निकायों के परिणाम 15 फरवरी को आएंगे, जबकि पंचायतों के परिणाम 18, 21, 24 फरवरी को घोषित होंगे। जब चुनाव की अधिसूचना साथ जारी हुई है, तो परिणाम साथ आने चाहिए।