जिला पंचायत सदस्य ने मंत्री प्रहलाद पटेल को घेरा:बोले- योजना समिति की बैठक में शामिल नहीं किया ; नाराज होकर जमीन पर बैठे

रीवा में पंचायत और ग्रामीण विकास कार्यों को लेकर गुरुवार को जिला पंचायत सदस्य मंत्री प्रहलाद पटेल से भिड़ गए। जिला पंचायत सदस्य लालमणि त्रिपाठी जमीन पर बैठकर जिला योजना समिति की बैठक खत्म होने का इंतजार करते रहे। इसके पहले वे बैठक में शामिल होने गए थे। उन्होंने बैठक में शामिल न करने का आरोप लगाया। दरअसल कलेक्ट्रेट में प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल जैसे ही बैठक खत्म कर वापस निकले। इंतजार में रास्ता रोककर बैठे जिला पंचायत सदस्य भोपाल में किए गए उनके पुराने वादे याद दिलाने लगे। लालमणि त्रिपाठी ने मंत्री पटेल को घेरते हुए खुलकर कहा कि रीवा जिले में विकास योजनाएं सिर्फ कागजों में चल रही हैं। उधर जिला योजना समिति की बैठक में जिला पंचायत सदस्यों को दरकिनार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज जिला योजना समिति की बैठक प्रभारी मंत्री द्वारा ली गई। लेकिन योजना मंडल समिति का गठन आज तक नहीं किया गया। ऐसे में जिला योजना मंडल की बैठक प्रभारी मंत्री द्वारा कैसे ली जा रही है। बैठक में सांसद,विधायकों के साथ जिला पंचायत सदस्यों को शामिल करना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रीवा में पंचायतों में शौचालय हो या सड़कों का निर्माण हर जगह आधा अधूरा काम और गड़बड़ी देखने को मिल रही है। अधिकारी आंख मूंदकर भ्रष्टाचार पर चुप हैं। आपने अब तक केवल आश्वासन दिया है। इतना कहते हुए त्रिपाठी ने तीखे लहजे में आरोप लगाए। प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल भी पीछे नहीं हटे। धीमे लहजे ही सही उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रमाण के साथ अनियमितताओं की बात करता है तो कार्रवाई होगी। सरकार की प्राथमिकता पारदर्शी और जवाबदेह शासन व्यवस्था है, जिसमें सुधार की गुंजाइश हर वक्त बनी रहती है। कलेक्ट्रेट परिसर में योजना समिति की बैठक करने के बाद प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि रीवा में 23 हजार नए प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए हैं। जबकि 1 लाख 72 हजार आवास के लिए सर्वे किया गया है। गर्मी के समय में पेय जल संकट को लेकर भी चर्चा की गई है। ताकि गर्मी के समय में पेय जल की उचित व्यवस्था बनाई जा सके। पिछले वर्ष 64 गांवों में स्थिति चुनौतीपूर्ण थी। लेकिन इस बार 90 गांव चिन्हित किए गए हैं। जिसके संबंध में मुझसे पहले सांसद जनार्दन मिश्रा भी एक बैठक कर चुके हैं। हालांकि घटना के समय सीएसपी रितु उपाध्याय और कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद सिंह राठौर और सिविल लाइन थाना प्रभारी कमलेश साहू बहस के दौरान सुरक्षा के लिहाज से प्रभारी मंत्री को घेरकर खड़े हुए थे। इस दौरान भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अजय सिंह पटेल ने मामले को शांत कराने की कोशिश की। इस घटनाक्रम को लेकर जनता में भी मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई ग्रामीणों ने त्रिपाठी के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर कार्यों की स्थिति वाकई चिंताजनक है। वहीं कुछ लोग इसे राजनैतिक नौटंकी करार दे रहे हैं।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *