डीग के 40 किसान अंतरराज्यीय भ्रमण पर रवाना:आत्मा योजना के तहत सीखेंगे उन्नत खेती और पशुपालन के गुर

कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से, राज्य सरकार की ‘आत्मा योजना’ के तहत डीग जिले के 40 प्रगतिशील किसानों का एक दल सोमवार को अंतरराज्यीय भ्रमण के लिए रवाना हुआ। जिला कलेक्टर उत्सव कौशल ने कलेक्ट्रेट रोड से बस को हरी झंडी दिखाकर इस सात दिवसीय यात्रा का शुभारंभ किया। यह दल उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के विभिन्न कृषि एवं अनुसंधान संस्थानों का दौरा करेगा। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रामकुवांर जाट ने बताया कि यह भ्रमण मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के तहत आयोजित किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के किसान अन्य राज्यों के प्रतिष्ठित कृषि संस्थानों का दौरा कर नई तकनीकों और नवाचारों को प्रत्यक्ष रूप से देखें। इन तकनीकों को सीखकर वे अपने खेतों में अपना सकें, जिससे ज्ञान का आदान-प्रदान और क्षमता संवर्धन हो सके। इस सात दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम को वैज्ञानिक तरीके से तैयार किया गया है, जिसमें फसल उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन पर भी विशेष जोर दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि यात्रा का पहला पड़ाव उत्तर प्रदेश के मखदूम स्थित ‘केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान’ होगा। यहां किसान वैज्ञानिक विधि से बकरी पालन और पशुपालन की बारीकियां सीखेंगे। इसके बाद दल मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित कृषि विश्वविद्यालय (जीवाजी यूनिवर्सिटी के समीप) का दौरा करेगा, जहां किसानों को शैक्षणिक और प्रायोगिक खेती के उन्नत तरीकों से अवगत कराया जाएगा। दल झांसी स्थित ‘भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान’ का भ्रमण करेगा। यहां उन्नत किस्म की घास और चारे के उत्पादन की तकनीक सीखी जाएगी, जो पशुधन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अंत में किसान इंदौर जाएंगे, जो सोयाबीन उत्पादन का गढ़ माना जाता है। यहां सोयाबीन की उन्नत खेती और प्रसंस्करण की तकनीकों का अध्ययन किया जाएगा। बदलाव के वाहक बनेंगे डीग के किसान कृषि अधिकारी ने इस यात्रा के दूरगामी परिणामों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब किसान नई तकनीक को अपनी आंखों से देखता है, तो उसका विश्वास दृढ़ होता है। उन्होंने कहा कि “हमें उम्मीद है कि ये 40 किसान वहां से लौटने के बाद उन नवाचारों को डीग जिले में अपनाएंगे। शुरुआत के लिए यदि एक या दो किसान भी नई तकनीक को अपनाते हैं, तो उन्हें देखकर अन्य किसान भी प्रेरित होते हैं और धीरे-धीरे यह एक मुहिम बन जाती है। परंपरागत खेती से आधुनिकता की ओर इस भ्रमण का मुख्य ध्येय किसानों को परंपरागत खेती के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ना है। 7 दिन बाद जब यह दल वापस डीग लौटेगा, तो ये किसान न केवल स्वयं लाभान्वित होंगे, बल्कि ‘मास्टर ट्रेनर’ के रूप में जिले के अन्य किसानों को भी प्रेरित करेंगे। इस अवसर पर कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक सहित विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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