देवघर में पुराना मीना बाजार स्थित प्राइवेट बस स्टैंड को बाघमारा आईएसबीटी में स्थानांतरित करने के विरोध में गुरुवार से बसों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। हड़ताल के कारण करीब 200 बसों का परिचालन रुक गया है। इससे लगभग सैकड़ों यात्री प्रभावित हुए हैं। बासुकीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को बस सेवा न मिलने से टेंपो और ई-रिक्शा में दोगुना किराया देकर यात्रा करनी पड़ रही है। देवघर से बाबा बासुकीनाथ तक बस का किराया प्रति व्यक्ति 80 रुपए है। जबकि आज ऑटो और ई रिक्शा चालक प्रति व्यक्ति 150 से 200 रुपए ले रहे हैं। वहीं, प्रशासन ने पुराने बस स्टैंड को पूरी तरह बंद कर दिया है। अब सभी बसों का परिचालन बाघमारा स्थित आईएसबीटी से होगा। यात्रियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा देवघर जिला बस ऑनर एसोसिएशन का कहना है कि बाघमारा आईएसबीटी शहर से दूर है। इससे यात्रियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। दुमका, गोड्डा, भागलपुर, मधुपुर, गिरिडीह, रांची और पटना से देवघर के लिए चलने वाली डेली बस सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। वहीं, यात्री आरती देवी ने बताया कि वो सुबह 7 बजे से बौसी जाने के लिए परेशान हैं। बस के नहीं चलने से वो अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रही है। हाईकोर्ट के निर्णय तक प्रशासन को यथास्थिति बनाए रखनी चाहिए: एसोसिएशन एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेशानंद झा ने बताया कि बस स्टैंड स्थानांतरण के विरोध में हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है। उनका कहना है कि हाईकोर्ट के निर्णय तक प्रशासन को यथास्थिति बनाए रखनी चाहिए। यात्रियों की असुविधा के लिए वे प्रशासन को जिम्मेदार मान रहे हैं। नए बस पड़ाव पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम इधर, नए बस पड़ाव में यात्रियों की सुविधा के लिए टिकट काउंटर, वाइंडिंग एरिया, शौचालय बोर्ड, डिजिटल सूचना बोर्ड की व्यवस्था की गई है। नए बस पड़ाव से ही झारखंड के अलग-अलग हिस्सों के अलावा बिहार व पश्चिम बंगाल के क्षेत्र के लिए यहां से बसों का परिचालन होगा। यहां सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे से रखी जा रही है नजर
फव्वारा चौक स्थित पुराना बस स्टैंड पर किसी प्रकार से बसों का ठहराव या प्रवेश नहीं हो, इसके लिए नगर निगम द्वारा वहां पर छह जगहों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं। पुराने स्टैंड की सभी गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए नगर निगम कार्यालय में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। ताकि पुराने बस स्टैंड में बसों के संचालन को लेकर कोई गतिविधि ना हो