प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पेयजल विभाग में हुए घोटाले के आरोपी कैशियर संतोष कुमार की 1.76 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली। जांच में पता चला कि संतोष ने जालसाजी कर अपने बैंक खाते और एक फर्जी कंपनी के खाते में 22.86 करोड़ रुपए ट्रांसफर कराया था। यह राशि नगर विकास विभाग ने पेयजल विभाग को योजना के क्रियान्वयन के लिए डिपोजिट वर्क के रूप में दी थी। फर्जी निकासी का मामला सामने आने के बाद पेयजल विभाग ने संतोष कुमार के खिलाफ 2.71 करोड़ रुपए की फर्जी निकासी के आरोप में सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। वित्त विभाग की प्रारंभिक जांच में विभाग के इंजीनियरों को भी दोषी पाया गया था। इसके बावजूद पेयजल विभाग ने इन इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर की जगह केवल विभागीय कार्यवाही का फैसला लिया। इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने नई ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। जांच में ईडी ने एक आईएएस अधिकारी और इंजीनियरों के 26 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 55.08 लाख रुपए कैश, जालसाजी से जुड़े दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए थे। विधानसभा के बजट सत्र में भी यह मामला उछला था।