जन्माष्टमी की रौनक अब सिर्फ झूलों, वस्त्रों और श्रृंगार तक सीमित नहीं है। इस बार बाजारों में बाल गोपाल के लिए मिनी लैपटॉप, पर्स, फोन, सोफा सेट जैसे बच्चों वाले मिनिएचर गिफ्ट्स की जबरदस्त डिमांड है। शिल्पकारों और दुकानदारों के मुताबिक ‘छोटा लेकिन सुंदर’ इस बार का ट्रेंड है। इसी के साथ सागवान की लकड़ी के झूलों और क्रेप व नेट फैब्रिक के कस्टमाइज्ड वस्त्रों की मांग भी रिकॉर्ड स्तर पर है। शहर के बाजारों में इस समय जन्माष्टमी की तैयारियों का खास उत्साह दिख रहा है। दुकानदारों का कहना है कि भक्तजन अपने घरों में विराजमान लड्डू गोपाल को सजाने के लिए अब नए और आकर्षक आइडिया अपना रहे हैं। पूजा स्थल को रंगीन और खास बनाने के लिए मिनी लैपटॉप, पर्स, फोन, बच्चों जैसे सोफा सेट, मिनी टेबल जैसे आइटम खूब बिक रहे हैं। नयापन और परंपरा का संगम लुधियाना के मॉडल टाउन, चौड़ा बाजार, घुमार मंडी और बीआरएस नगर के बाजारों में इन दिनों खूब भीड़ है। दुकानदारों का कहना है कि जन्माष्टमी से 3-4 दिन पहले तक बिक्री चरम पर रहती है। महिलाएं बाल गोपाल के वस्त्र और श्रृंगार के सामान चुनने में घंटों बिताती हैं, जबकि बच्चे मिनी गिफ्ट्स देखकर उत्साहित हो जाते हैं। इस बार जन्माष्टमी पर सस्ती लेकिन आकर्षक चीजों का ट्रेंड साफ दिख रहा है। 50 रुपए से शुरू होने वाले मिनी गिफ्ट्स हों या 15,000 रुपए तक के सागवान के झूले-हर बजट के लिए विकल्प मौजूद हैं। भक्तजन मानते हैं कि ये त्योहार सिर्फ पूजा का नहीं, बल्कि भावनाओं और सृजनात्मकता का भी है। यही कारण है कि बाजार में इस बार ‘छोटा लेकिन खास’ ट्रेंड छाया हुआ है। झूले पर की नक्काशी आकर्षित कर रही भक्तजन इस बार लड्डू गोपाल के वस्त्रों को भी खास बना रहे हैं। दुकानदारों के अनुसार क्रेप और नेट फैब्रिक में कस्टमाइज्ड ड्रेस की मांग सबसे ज्यादा है। लोग ऑनलाइन डिजाइन देखकर अपनी पसंद के रंग, पैटर्न और स्टाइल में कपड़े तैयार करवा रहे हैं। हल्के और पारदर्शी नेट या मुलायम और फ्लोई क्रेप से बने वस्त्र न केवल सुंदर दिखते हैं बल्कि पहनने में भी आरामदायक होते हैं। कीमत फैब्रिक, डिजाइन और स्टाइल के आधार पर तय होती है। बाजारों में सागवान की लकड़ी से बने झूलों की भी जोरदार बिक्री हो रही है। सागवान की मजबूती और टिकाऊपन के कारण उपभोक्ता इन्हें प्राथमिकता दे रहे हैं। दुकानदार बताते हैं कि यह लकड़ी जल्दी टेढ़ी-मेढ़ी नहीं होती और वर्षों तक अपनी गुणवत्ता बनाए रखती है। झूलों पर की गई नक्काशी और पारंपरिक डिजाइन इन्हें और आकर्षक बनाते हैं। बाजार में इनकी कीमत 500 रुपए से शुरू होकर 15,000 रुपए तक है।