मंत्री बोले- प्रस्ताव मिलने पर परीक्षण के बाद लेंगे निर्णय:क्रिकेट का तीसरा बड़ा स्टेडियम बीसीसीआई को नहीं दे रही सरकार , इसलिए मैच भी नहीं हो रहे

छत्तीसगढ़ का पहला और इकलौता अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम मैचों की मेजबानी के लिए तरस रहा है। दुर्ग में अभी नया क्रिकेट स्टेडियम पूरी तरह बना भी नहीं है और बीसीसीआई लीज में लेने को तैयार हो गया है। जबकि नवा रायपुर स्थित शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में घरेलू टूर्नामेंट लगातार हो रहे हैं।
इसके बावजूद इंटरनेशनल मैच के नाम पर बीसीसीआई की ओर से केवल एक वनडे और टी20 की मेजबानी मिली है। हालांकि पिछली सरकार से बीसीसीआई ने स्टेडियम मांगा था, लेकिन मना कर दिया गया। यही वजह है कि देश का तीसरा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट होने के बाद भी ये बीसीसीआई की रोटेशन पॉलिसी में भी शामिल नहीं हो सका है। अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी भी इसी वजह से नहीं मिल रही और स्टेडियम की स्थिति बिगड़ रही है। यहां अंतरराष्ट्रीय मैच तभी मिले हैं जब किसी स्टेडियम में आयोजित होने वाले मैच दूसरी जगह शिफ्ट होते है। उस समय यहां का स्टेडियम विकल्प के तौर पर उपलब्ध रहता है, इसलिए मेजबानी करने का मौका मिलता है। एक नजर में राज्य सरकार और क्रिकेट संघ के बीच फंसा पेंच
छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ को 2016 में बीसीसीआई से पूर्ण मान्यता मिली। लेकिन राज्य सरकार ने क्रिकेट संघ को स्टेडियम लीज पर नहीं दिया। स्टेडियम का मेंटेनेंस अभी पीडब्ल्यूडी कर रही है। जबकि पिच और मैदान की देखभाल क्रिकेट संघ के हाथों में है। बीसीसीआई के नियम अनुसार राज्य क्रिकेट संघ के अधीन स्टेडियम को ही मेजबानी दी जाती है। क्या है बीसीसीआई की रोटेशन पॉलिसी?
बीसीसीआई आयोजन स्थल रोटेशन पॉलिसी के तहत तय करती है। इसके अनुसार देश के अधिकृत और मान्यता प्राप्त स्टेडियम को बारी-बारी मैचों की मेजबानी का मौका मिलता है। बीसीसीआई रोटेशन पॉलिसी में भी तभी स्टेडियम को शामिल करता है, जब वह पूरी तरह से राज्य क्रिकेट संघ के अधीन रहता है। इसलिए यहां तकनीकी पेंच फंसा हुआ है। कई जगह कुर्सियां और अन्य सामान गायब
स्टेडियम में रविवार से अंडर-23 वनडे शुरू हुआ। इस दौरान भास्कर टीम स्टेडियम पहुंची तो स्टेडियम की बदहाली नजर आई। कई जगह दर्शक दीर्घा की कुर्सियां गायब मिलीं और जो है उसमें धूल और काई की परत थी। ऐसा दिखाई भी दिया जब मैदान के एक कोने में दर्शक दीर्घा में लगाई जाने वाली चार कुर्सियां दिखीं। पता चला आग तापने वालों ने बैठने के लिए उखाड़कर यहां रख दिया है। स्टेडियम का वॉटर फिल्टर भी खराब पड़ा है। पवेलियन और वीआईपी स्टैंड में भी धूल और गंदगी फैली थी। हालांकि पिछले साल दिसंबर में इसी मैदान में इंडिया न्यूजीलैंड का वनडे मैच हुआ था। उस दौरान स्टेडियम का मेंटेनेंस किया गया था। मैच खत्म होते ही अफसरों ने फिर स्टेडियम का मेंटेनेंस बंद कर दिया हालांकि घरेलू क्रिकेट लगातार हो रहे हैं। हम चाहते हैं स्टेडियम सुरक्षित रहे। इस बारे में बीसीसीआई या छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ से जो भी प्रस्ताव आएगा, उस पर सरकार के स्तर पर विचार विमर्श कर निर्णय लिया जाएगा। टंकराम वर्मा, खेलमंत्री छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ पिछले करीब छह साल से स्टेडियम लीज के लिए पत्र लिख रहा है। सरकार लीज पर दे तो राजधानी में ज्यादा से ज्यादा मुकाबले हो सकेंगे।राजेश दवे, मीडिया प्रभारी(क्रिकेट संघ)

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