आरोप : संजय सेठ कर रहे थे धरना और जाम का नेतृत्व रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ समेत आठ लोगों के खिलाफ पंडरा ओपी में नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। इन पर रांची बंद के दौरान सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप है। यह एफआईआर पंडरा ओपी प्रभारी मनीष कुमार के बयान पर दर्ज की गई है। एफआईआर में ओपी प्रभारी ने कहा है कि भाजपा नेता अनिल टाइगर की हत्या के विरोध में भाजपा और आजसू ने 27 मार्च को रांची बंद का आह्वान किया था। मैं पुलिस टीम के साथ सुबह करीब 5:30 बजे विधि-व्यवस्था का जायजा लेने निकला। बंद समर्थक हाथ में बांस-लाठी लेकर नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने पिस्का मोड़ मुख्य सड़क को जाम कर दिया था। मजिस्ट्रेट सुजीत कुमार और पुलिस अधिकारी जाम खुलवाने का हरसंभव प्रयास कर रहे थे, लेकिन उग्र भीड़ टस से मस होने को तैयार नहीं थी। इसी बीच सुबह करीब 10:20 बजे संजय सेठ अपने समर्थक ललित ओझा, कुमुद झा, बैजु सोनी, सत्यनारायण सिंह, प्रदीप ओझा, धर्मेंद्र साहू ओर अशोक यादव के साथ वहां पहुंचे। उनके साथ करीब 60-70 लोग थे, जो नारेबाजी कर रहे थे। ये सभी पिस्का मोड़ पर धरने पर बैठ गए। जाम और धरने का नेतृत्व कर रहे संजय सेठ से बार-बार आग्रह किया, लेकिन उनके समर्थक जबरदस्ती आसपास की दुकानों को बंद करा रहे थे। आरोप… बंद समर्थकों ने मजिस्ट्रेट और पुलिस से की धक्का-मुक्की एफआईआर में कहा गया है कि बंदी के दौरान सड़क पर टायर जलाया गया। इससे आसपास की दुकानों में आग लगने का खतरा उत्पन्न हो गया। दुकानदार डर गए। अपनी दुकानें बंद कर दी। जाम से पिस्का मोड़ की स्थिति अनियंत्रित हो गई। बंद समर्थक सरकारी काम में बाधा डालते हुए वहां तैनात मजिस्ट्रेट और पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करने लगे। काफी मशक्कत के बाद आवागमन को सामान्य कराया जा सका। पुलिस ने आवागमन बाधित करने, दुकानदारों को डराकर दुकान बंद कराने और आम जनजीवन को प्रभावित करने का आरोप भी लगाया है।