रणजीत विहार में 6 महीने से नहीं बनाए थड़े, निगम का इलाका छोड़ गांव की साइड लगा दी गई टाइलें

भास्कर न्यूज | अमृतसर पश्चिम हलके की वार्ड 2 के लोहारका रोड स्थित रणजीत विहार में 6 महीने पहले लोगों के घरों और दुकानों के आगे बने थड़े तोड़ दिए गए। जिन्हें आज तक नहीं बनाया गया। लोगों का आरोप है कि 6 महीने पहले उनके सामने वाले इलाके गुमटाला साइड इंटरलाकिंग टाइलें गलाई गई है। जबकि वह इलाका सरपंच की हद में आता है। लेकिन वार्ड नंबर 2 निगम हद में है फिर भी उसे छोड़ दिया गया। लोहारका रोड की दुकानों के थड़े तोड़ दिए गए। यहां तक कि सीवरेज भी बनाए जा रहे थे लेकिन पिछले 6 महीने से काम को अधूरा ही छोड़ दिया गया है। लोगों का कहना है कि रोड को चौड़ा करने की जगह लोगों को परेशानी में डाला जा रही है। बारिश के दिनों में लोहारका रोड की छोड़ी गई कच्ची साइडें दलदल का रूप धारण कर लेती हैं। पानी घरों और दुकानों के बाहर खड़ा हो जाता है। लोगों का घर से निकलता काफी मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि वे लोग सीवरेज प्रणाली से भी परेशान है। आए दिन इलाके का सीवरेज जाम हो जाता है जिसके कारण लोगों को खुद के पैसे खर्च कर सीवरेज साफ करवाना पड़ता है। यह समस्या पिछले 6 महीनों से आ रही है लेकिन समाधान नहीं हुआ। इससे इलाके के लोग काफी परेशान हैं। लोगों का कहा कि इस बार वह किसी झांसे में आने वाले नहीं है। जो नेता उनके इलाके की समस्याओं का समाधान करवाएगा वह उसी उम्मीदवार को वोट देंगे। ^पवन शर्मा ने बताया कि 6 महीने से समस्या का समाधान नहीं किया गया। लोगों के घरों और दुकानों के आगे थड़े तोड़ दिए गए। लेकिन उसे बनाने वाला कौन है यह उन्हें आज तक नहीं बनाया गया। ^अनमोलदीप सिंह ने बताया कि सामने गुमटाला इलाके साइड इंटरलाकिंग टाइलें लगा दी गई हैं। वह इलाका सरपंची लाइन में आता है। लेकिन उनकी साइड निगम हद में है उसे आज तक नहीं बनाया गया। ^डॉ. नीरज वर्मा ने बताया कि लोगों को सीवरेज की समस्या से जूझना पड़ रहा है। वे लोग खुद के पैसे खर्च कर सीवरेज साफ करवाते है। जबकि आए दिन सीवरेज की समस्या इलाका रणजीत विहार में बनी रहती है। ^रंजीत विहार पर काम क्यूं छोड़ा गया, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। लोग उन्हें लिखित रूप में शिकायत करें, इसका समाधान करवाया जाएगा। -सुनील महाजन , निगम एक्सईएन ^प्रभ ने बताया कि बारिश के दिनों में इलाका दलदल का रूप धारण कर लेता है। जबकि इलाके में वाहन तो क्या पैदल घरों में दाखिल होना भी मुश्किल हो जाता है। इस बार उनकी समस्या का हल करने वाले नेता को ही चुना जाएगा।

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