रात 11.30 बजे समझाया क्राइसिस मैनेजमेंट, आज गांवों की स्थिति समझने जाएंगे रसाबेड़ा

रात के 11.30 बज रहे थे, आईआईएम रांची में देश-विदेश से आए छात्र-छात्राएं सो रहे थे। तभी उन्हें उठाया जाता है। उन्हें एक क्राइसिस के बारे में बताया जाता है कि शहर के एमरजेंसी सेवा को संचालित करने वाली सॉफ्टवेयर में समस्या आ गई है। जिसे ठीक करने के लिए कुछ संकेत देते हैं, जिस पर काम करते हुए इस क्राइसिस को ठीक किया जाता है। इस तरह से छात्र-छात्राओं को क्राइसिस मैनेजमेंट के बारे में बताया गया। आईआईएम रांची में यंग चेंजमेकर्स प्रोग्राम के तीसरे संस्करण (वाईसीपी) की शुरुआत हो गई है। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के 83 प्रतिभागी व विदेश के 12 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। यह रूरल इमर्शन बूटकैंप है, जो 27 दिसंबर तक चलेगा। इसमें छात्र-छात्राओं को लाइव केस स्टडी के माध्यम से एक्सपीरियंस लर्निंग विभिन्न आयामों को बताया जाएगा। ग्रामीण चुनौतियों को समझेंगे स्टूडेंट्स : मंगलवार को प्रतिभागियों का कई सत्र हुए। इसमें बताया गया कम संसाधन में कैसे- कैसे सर्वाइव करना है। इसके साथ ही सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल के बारे में जानकारी दी गई। बुधवार को छात्र-छात्राओें को अनगड़ा क्षेत्र के सुदूर गांव रसाबेड़ा ले जाया जाएगा। जहां ग्रामीण क्षेत्र के समस्या, रोजाना की चुनौतियों को समझेंगे। साथ ही उस समस्या को दूर करने के लिए व्यवहारिक समाधान भी बताएंगे। इसमें लाइव केस स्टडी के माध्यम से स्टूडेंट्स व्यवहारिक शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। बता दें यंग चेंजमेकर्स प्रोग्राम में 9वीं से 12वीं या किसी समकक्ष शैक्षिक कार्यक्रम में नामांकित स्टूडेंट्स भाग ले रहे हैं। इस साल वाईसीपी 5 दिनों का होगा।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *