शहर में बेतरतीब चल रहे ई-रिक्शा और उनके कारण बिगड़ते ट्रैफिक को सुधारने के लिए प्रशासन ने नया प्लान तैयार किया है। अब पूरे इंदौर को छह अलग-अलग रूट (जोन) में बांटा जाएगा। हर रूट का अलग रंग (कलर कोड) तय होगा। इस रंग का लोगो ई-रिक्शा के आगे और पीछे लगाया जाएगा। हर रूट लगभग 12 से 15 किमी का होगा। चालक अपनी पसंद का जोन चुन सकेगा और उसे सिर्फ उसी जोन में गाड़ी चलाने की अनुमति दी जाएगी। दूसरे रूट में पाए जाने पर उस पर कार्रवाई होगी। आरटीओ–ट्रैफिक पुलिस की बैठक में बनी योजना ई-रिक्शा संचालन को ठीक करने को लेकर आरटीओ प्रदीप शर्मा और ट्रैफिक डीसीपी आनंद कलादगी ने ई-रिक्शा संचालकों के साथ बैठक की। जिला सड़क सुरक्षा समिति की पिछली बैठक में भी इस विषय पर चर्चा हुई थी। कलेक्टर ने परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस को मिलकर प्रभावी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए थे। नए प्लान के अनुसार रंग के लोगो पर होगा रूट नंबर हर रूट के लिए अलग रंग तय किया जाएगा। जैसे यदि रूट-1 का रंग पीला है, तो उस रूट के सभी ई-रिक्शा पर पीला लोगो लगाया जाएगा, जिस पर रूट नंबर, रिक्शा नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होगा। राजबाड़ा केंद्रीय बिंदु, यहीं से तय होंगे रूट रूट निर्धारण राजबाड़ा को केंद्र में रखकर किया जा रहा है। शहर में 10 हजार ई-रिक्शा, ट्रैफिक पर दबाव अभी इंदौर में करीब 10 हजार ई-रिक्शा चल रहे हैं। राजवाड़ा, पाटनीपुरा, भंवरकुआं और गंगवाल जैसे क्षेत्रों में ये सड़क किनारे खड़े होकर ट्रैफिक को प्रभावित करते हैं। नई व्यवस्था से इस अव्यवस्था पर रोक लगने की उम्मीद है। वर्दी और नेम प्लेट भी जरूरी ऑटो रिक्शा चालक महासंघ के अनुसार अब ई-रिक्शा चालकों को वर्दी पहनना और नेम प्लेट लगाना अनिवार्य होगा। आगे चलकर इनके लिए स्टैंड भी बनाए जाएंगे। हर जोन में सीमित संख्या में रिक्शा चलेंगे किसी जोन के ई-रिक्शा को दूसरे जोन में चलने की अनुमति नहीं रहेगी। इससे अनियंत्रित भीड़ नहीं होगी और ट्रैफिक सुचारु रहेगा। संचालकों ने भी इस व्यवस्था पर सहमति दी है। प्रशासन इसी माह सभी जोन की सीमाएं तय कर नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है।


