जबलपुर शहर में बढ़ती ठंड के साथ प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI 100 के करीब दर्ज किया गया, जिसे सेहत के लिए चिंताजनक माना जाता है। इस स्थिति का सीधा असर लोगों के सेहत पर पड़ रहा है, जिसके चलते अस्पतालों में सांस, दमा और खांसी के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ रही है। मेडिकल कॉलेज के पल्मोनोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. वीरेंद्र आर्या ने इसकी वजह बताया कि तापमान में गिरावट के साथ हवा का दबाव ऊपर से नीचे की ओर बढ़ता है। इससे प्रदूषण के कण जमीन के आसपास अधिक समय तक ठहरते हैं। इसी कारण सांस संबंधी मरीजों की संख्या में 20-30 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। डॉ. आर्या के अनुसार, इस समय 35 से 45 वर्ष आयु वर्ग के मरीज सबसे अधिक सामने आ रहे हैं। वहीं, ज्यादा धूम्रपान करने वाले लोगों में फेफड़ों से संबंधित समस्याएं अधिक गंभीर रूप में देखी जा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पहले खांसी के मरीज सामान्यतः 4-5 दिन में ठीक हो जाते थे, लेकिन अब कई मामलों में इसे पूरी तरह ठीक होने में 8-10 दिन लग रहे हैं। डॉ. आर्या ने बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाहर निकलते समय नाक और मुँह को ढककर रखें, मास्क का नियमित उपयोग करें, गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन बढाएं और ठंडी हवा व धूल-धुएँ से बचें। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड का मौसम अभी और कठोर हो सकता है। ऐसे में प्रदूषण और बदलते मौसम दोनों से सावधानी बरतना बेहद जरूरी है ताकि सेहत संबंधी समस्याओं से बचा जा सके।


