कोटा में गुरुवार को नारीशाला में रह रही निराश्रित रीना की शादी होने जा रही है। ये शादी अपने आप में अनोखी होगी। आने वाली बारात की अगवानी यानी स्वागत एसपी कलेक्टर करेंगे तो शहर के प्रबुद्ध लोग घराती बनकर बारातियों की खातिरदारी में जुटेंगे। जिला सत्र न्यायालय के प्रोटोकॉल ऑफिसर कन्यादान करेंगे। नांता रोड स्थित नारीशाला में शादी की तैयारियां जोरों से चल रही है। शादी के मंगल गीत, लोकगीत और बन्ना बन्नी के गीत बजाए जा रहे है। शादी की रस्में की जा रही है। नारीशाला का स्टाफ और वहां रह रही बालिकाएं- महिलाएं हर रस्मों में भागीदार बन रही है। जैसे किसी घर- परिवार में शादी में माहौल होता है, वैसा ही माहौल नारीशाला में नजर आ रहा है। नारी निकेतन अधीक्षक अंशुल मेहंदीरत्ता ने बताया कि विवाह की रस्मों में बुधवार को हल्दी और मेहंदी का कार्यक्रम किया गया। स्टाफ की महिलाओं, शहर के भामाशाह, सामाजिक संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने इन रस्मों में अपनी भागीदारी निभाई। रीना को हल्दी और मेहंदी लगाई गई। इसके बाद शाम को महिला संगीत का कार्यक्रम भी आयोजित किया। इससे पहले विनायक स्थापना, बासन समेत अन्य रस्मों को निभाया गया। अंशुल मेहंदीरत्ता ने बताया कि नारी निकेतन में रीना की शादी तय होने के बाद से ही निकेतन में रहने वाली लड़कियों में उत्साह के चलते अब वे भी दिनभर तैयारियों में व्यस्त रहती हैं। साथ ही शादी की विभिन्न रस्में पूरी रीति-रिवाज से निभा रही। कन्यादान की रस्म प्रोटोकॉल अधिकारी जिला सत्र न्यायालय ललित अरोड़ा करेंगे। 13 साल पहले मिली थी निराश्रित
रीना मूक बधिर है। 13 साल पहले करीब 20 साल की उम्र में वह कोटा शहर पुलिस को निराश्रित हालत में मिली थी। जिसके बाद उसे नारीशाला में आश्रय दिलवाया गया था। उसके बाद से पुलिस, प्रशासन और नारीशाला अधीक्षक ने काफी प्रयास किए लेकिन उसके परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी। अधीक्षक अंशुल बताती हैं कि अखबार में एड दिए गए, उसके बारे में जानकारी प्रकाशित की गई। रीना की तरफ से जो जानकारी मिली उससे पता करने की कोशिश की लेकिन उसके परिवार का कुछ पता नहीं लगा। इसके बाद से वह नारीशाला की सदस्य ही बन गई। नारीशाला के हर काम में वह आगे रहती। उसने यहां रहकर कामकाज भी सीखा। योगा- सिलाई बुनाई में एक्सपर्ट
रीना ने परिवार नहीं मिला तो हार नहीं मानी बल्कि नारीशाला और वहां के स्टाफ-आश्रित बालिकाओं महिलाओं को ही अपना परिवार बना लिया। नारीशाला की तरफ से उसे काम सिखाया गया। उसकी रुचि के हिसाब से उसे सिलाई बुनाई कढ़ाई सिखाई गई। इसमें वह पारंगत हो गई। उसे कोई भी डिजाइन दिखा दो वह सेम तो सेम हैंडमेड डिजाइन बना सकती है। इसके अलावा रीना को योगा में भी काफी रुचि है। वह नारीशाला में अन्य बालिकाओं- युवतियों को योगा करवाती है। डिस्ट्रिक्ट लेवल पर वह योगाभ्यास में पुरस्कृत हो चुकी है। नारीशाला परिवार था, अब खुद का परिवार बसा रही
अधीक्षक अंशुल ने बताया कि प्रक्रिया के तहत पुनर्वास की प्रक्रिया की जाती है। रीना ने परिवार बसाने पर सहमति जताई। पहले जयपुर महिला सदन से ही शादियां होती थी। लेकिन साल 2023 में कोटा नारीशाला से तीन युवतियों की शादी करवाई गई थी। उसके बाद अब रीना की शादी नारीशाला से हो रही है। रीना के लिए पहले 5-6 रिश्ते आए थे लेकिन रीना ने इस रिश्ते को पसंद किया है और शादी के लिए हामी भरी है। शादी के लिए जो इन्क्वायरी आती है उसे मैरिज सब कमेटी में ले जाया जाता है। उसके बाद वहां से अनुमति मिलने के बाद आगे प्रक्रिया शुरू होती है। दूल्हा धर्मराज मूल रूप से झालावाड़ का है जो कि कोटा प्रेमनगर में रहता है। रीना कोटा में ही शादी करना चाहती थी ताकि नारीशाला के संपर्क में भी रह सके और अपने सिलाई और योगा के हुनर को और निखार सके। एसपी कलेक्टर करेंगे बारात का स्वागत
बुधवार को हल्दी-मेहंदी एवं महिला संगीत का आयोजन किया गया। गुरुवार सुबह वर निकासी एवं बिंदौरी सुबह 11 बजे, बारात स्वागत और तोरण 11.30 बजे, पाणिग्रहण संस्कार दोपहर 1 बजे एवं स्नेहभोज एवं आशीर्वाद समारोह 1 बजे से आयोजित होंगे। बारात की अगवानी कोटा कलक्टर व कोटा एसपी सहित अन्य अधिकारी करेंगे। शहर के भामाशाह इसमें सहयोग कर रहे हैं।


