यूनिवर्सिटी, कॉलेजों समेत उच्च शिक्षण संस्थानों में यूजी-पीजी में नए शैक्षणिक वर्ष में एडमिशन लेने वाले छात्रों लिए बड़ी खबर है। अब ज्ञान और पीजी पाठ्यक्रमों के स्टूडेंट्स को 5 प्रतिशत क्रेडिट भारतीय ज्ञान प्रणाली से अर्जित करनी होगी। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी द्वारा देश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखा गया है, जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली को शामिल करने का दिशा-निर्देश है। इसका उद्देश्य यूजी और पीजी पाठयक्रमों के छात्रों को भारतीय ज्ञान प्रणाली की पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके तहत यूजी और पीजी में पढ़ाई कर रहे छात्रों को कुल क्रेडिट में से पांच प्रतिशत क्रेडिट भारतीय ज्ञान प्रणाली से अर्जित करने होंगे। यूजीसी भारत की विस्तृत बौद्धिक विरासत को संरक्षित व विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसे उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में सुव्यवस्थित रूप से एकीकृत करने का कार्य कर रहा है। रांची यूनिवर्सिटी के दो शिक्षकों ने भी यूजीसी द्वारा भारतीय ज्ञान प्रणाली वर्कशॉप में शामिल होकर प्रशिक्षण प्राप्त किए हैं। साथ ही रांची विवि के विभिन्न कॉलेजों में भारतीय ज्ञान परंपरा पर सेमिनार का आयोजन किया गया है। ये विषय होंगे शामिल : भारतीय ज्ञान परंपरा के सिलेबस में सभ्यता से जुड़े साहित्य, वेदांग, भारतीय गणित, ज्योतिष, स्वास्थ्य विज्ञान, कृषि को शामिल किया गया है। इसके अलावा भारतीय कला, वास्तुशास्त्र, नाट्यकला, संगीत, नृत्य, योग, आयुर्वेद, पारंपरिक चिकित्सा पद्धति समेत अन्य विषय शामिल है।