आंध्र प्रदेश ने गुरुवार को अनुसूचित जातियों (SC) आरक्षण के भीतर आरक्षण देने के लिए अध्यादेश जारी किया। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में कैबिनेट ने 15 अप्रैल को इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। राज्य में कुल 59 SC जातियों को 15% आरक्षण मिलता है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को SC और अनुसूचित जनजातियों (ST) कोटे में कोटा देने की अनुमति दी थी। आंध्र प्रदेश के अध्यादेश में सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए SC जातियों को तीन ग्रुप में बांटा गया है। इसमें चंदाला, पाकी, रेल्ली, डोम जैसी 12 जातियों को 1% आरक्षण के साथ ग्रुप-I, चमार, मादिगा, सिंधोला, मातंगी जैसी जातियों को 6.5% आरक्षण के साथ ग्रुप II में और माला, अदि आंध्र, पंचमा जैसी जातियों को 7.5% आरक्षण के साथ ग्रुप III में रखा गया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने पिछले साल दिसंबर में रिटायर्ट IAS राजीव रंजन मिश्रा को SC कोटे में कोटा देने के लिए एक सदस्यीय आयोग के रूप में नियुक्त किया। आयोग ने 2011 की जनगणना के आधार पर रिपोर्ट दी थी, जिसे केंद्र को भेजा गया था।