IAS बनना चाहती थीं उर्वशी:दावा- करोड़ों की रॉल्स रॉयस कलिनन कार खरीदने वाली पहली एक्ट्रेस, शाहरुख के बाद बेस्ट प्रमोटर; उर्वशी की अनोखी उपलब्धियां

‘जिंदगी में तीन चीज कभी अंडरएस्टिमेट नहीं करना…आई, मी एंड माई सेल्फ’, ‘मेरे बारे में इतना मत सोचना…मैं दिल में आता हूं दिमाग में नहीं’। ये दोनों डायलॉग भले ही सलमान खान की फिल्म के हैं, लेकिन असल जिंदगी में इसे एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला जी रही हैं। अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर उर्वशी अपने सेल्फ ऑब्सेशन के लिए भी जानी जाती हैं। वो खुद को हर मामले में नंबर वन मानती हैं। इस वजह से ट्रोलिंग उनकी लाइफ स्टाइल का हिस्सा बन गई है, लेकिन वो इन सबसे बिना घबराए अपनी अचीवमेंट्स की लिस्ट लंबी करती जा रही हैं। उत्तराखंड के छोटी सी जगह से निकलकर इंडस्ट्री में सबसे महंगी परफॉर्मर बनने तक की उनकी कहानी बेहद दिलचस्प है। आज की सक्सेस स्टोरी में उर्वशी बता रही हैं, अपनी सफलता की कहानी… स्पोर्ट्स और कई डांस फॉर्म में माहिर हूं मेरे पेरेंट्स का फोकस मेरी ओवरऑल ग्रोथ पर रहा। उन्होंने मुझे पढ़ाई के अलावा बाकी एक्टिविटी में भी शामिल किया। मैं स्कूल में हेड गर्ल थी। मैं बास्केटबॉल में नेशनल लेवल खेल चुकी हूं। मैं गर्ल्स टीम की कैप्टन थी। मेरी टीम ने बॉस्केटबॉल गर्ल्स चैंपियनशिप में गोल्ड भी जीता था। बचपन में मुझे पहले IAS ऑफिसर बनना था। फिर थोड़े टाइम के बाद मुझे एस्ट्रोनॉट बनना था। जिमनास्टिक में दिलचस्पी आनी लगी तो कुछ समय जिमनास्ट बनना सपना था। बचपन में करियर को लेकर अलग-अलग सपने थे। मैंने डांस के कई अलग-अलग फॉर्म सीखे हैं। इनमें से सबसे मुश्किल रहा भरतनाट्यम। ये सबसे मुश्किल डांस फॉर्म मना जाता है। ऐसे में स्कूल में मैं घंटों लाइव परफॉर्म करती थी। मैंने बैले, कथक, जैज, हिप-हॉप डांस फॉर्म में भी महारत हासिल की है। ब्यूटी पेजेंट जीत सकूं इसलिए जल्दी बड़ी होना चाहती थी घर में पढ़ाई का माहौल था और मैं पढ़ाकू बच्ची थी। मेरे इर्द-गिर्द सिर्फ टॉपर ही थे। मेरा सर्कल ही ऐसा था। इन सबके बीच टीवी के जरिए मैं ब्यूटी कॉन्टेस्ट के बारे में जानती थी। मैं मिस वर्ल्ड, मिस यूनिवर्स कॉम्पिटिशन को देखती थी। 11-12 साल की रही होंगी, जब से मैंने खुद को वहां इमैजिन करना शुरू कर दिया था। उस वक्त मेरे पास हील्स नहीं थी, मैं दोस्त की मम्मी की हील्स पहनकर कैटवॉक करती थी। मैं और मेरी दोस्त कॉम्पिटिशन में होने वाले क्वेश्चन-आंसर राउंड की भी रिहर्सल करते थे। उस उम्र में मुझे लगता था कि कब मेरी उम्र 18 होगी कि मैं कॉम्पिटिशन में शामिल हो पाऊं। 15 साल की उम्र में मिस टीन बन गई मैंने बेहद छोटी सी उम्र में अपना पहला ब्यूटी पेजेंट जीत लिया था। पहले ब्यूटी पेजेंट का किस्सा कुछ यूं है कि मेरी दोस्त ने मिस टीन का ऐड देखा था। उस वक्त स्मार्टफोन, लैपटॉप जैसी सुविधाएं नहीं थीं। उस वक्त साइबर कैफे होते थे। मेरे पास वर्जिन का एक मोबाइल सेट था, जिस पर सिर्फ मैसेज आ और जा सकता था। मेरी दोस्त ने मेरी एक फोटो मिस टीन इंडिया की वेबसाइट पर अपलोड कर दी। वो स्टूडियो वाली फोटो थी, जिसमें मैंने जींस-टीशर्ट पहन रखी थी। उसने मुझे बताया तो मैंने सोचा क्या ही होगा। इतनी सारी लड़कियां पार्टिसिपेट करती हैं। फिर मेरी समर वेकेशन की छुट्टी शुरू हो गई। मेरी मां जो एक स्किन एक्सपर्ट हैं, उनका दिल्ली में डॉ. ब्लॉसम कोचर के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। उसके लिए हम लोग हरिद्वार से दिल्ली आए थे। मॉम अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस बिजी थीं, तभी मुझे पता चला कि जिस होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही है, वहीं पर मिस टीन का ऑडिशन चल रहा था। मैं उस दिन भी जींस-टीशर्ट और स्पोर्ट्स शूज में वहां पहुंच गई। वहां पर कम से कम हजार लड़कियां थीं, जो प्रॉपर मेकअप और ड्रेस कोड में थीं। मुझे उस वक्त भी ये फीलिंग आई कि मेरा तो नहीं होगा। उस ऑडिशन को मिस वर्ल्ड डायना हेडेन, डिजाइनर रॉकी एस जज कर रहे थे। जब उन्होंने पांच नामों की घोषणा की तो उसमें एक नाम मेरा था। मैं तो शॉक्ड थी कि ये कैसे हुआ। कुछ इस तरह मेरी ब्यूटी क्वीन की जर्नी शुरू हुई। सबसे ज्यादा ब्यूटी पेजेंट जीतने का वर्ल्ड रिकॉर्ड साल 2009 का वक्त था और जब मैं मिस टीन इंडिया बनीं। फिर मैंने चीन में मिस टूरिज्म क्वीन ऑफ द ईयर इंटरनेशनल जीता। साल 2012 में पहली बार मिस यूनिवर्स इंडिया जीता। दोबारा 2015 में फिर से मिस यूनिवर्स इंडिया बनी। कब कैसे मैं एक के बाद एक ब्यूटी पेजेंट जीतती गई, मुझे खुद पता नहीं चला। मैं वर्ल्ड की इकलौती लड़की हूं, जिसने सबसे ज्यादा ब्यूटी टाइटल जीता है। इस तरह मेरा नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड से जुड़ गया। हाल ही में अंडमान निकोबार आइलैंड्स की गवर्नमेंट ने मुझे सम्मानित किया। उन्होंने मेरे नाम पर एक फूल का नाम रखा। उत्तराखंड के फेमस बद्रीनाथ मंदिर से एक किलोमीटर मेरे नाम पर उर्वशी मंदिर बना है। पिछले डेढ़ साल के अंदर मैंने चिरंजीवी, नंदमुरी बालकृष्ण, पवन कल्याण जैसे साउथ के तीन बड़े सुपरस्टार के साथ काम किया है। मेरी इच्छा है कि अब साउथ में भी मेरा मंदिर बनना चाहिए। दिल्ली के हिंदू कॉलेज में छात्रों ने दमदमी माई के रूप में मेरी पूजा की है। ये एक सालाना पूजा होती है, जिसमें छात्रों ने मुझे चुना। ‘काबिल’ के गाने के लिए अमिताभ बच्चन से मिली तारीफ मैंने साल 2013 में सनी देओल के साथ फिल्म ‘सिंह साब द ग्रेट’ से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था। उसके बाद कई अच्छी फिल्मों का हिस्सा बनी। मुझे इंडस्ट्री में आए अभी कोई तीन-चार साल ही हुए थे, जब मैंने साल 2017 में ‘काबिल’ फिल्म के लिए एक गाना किया था। वो गाना अमिताभ बच्चन सर के गाने का रीमेक था। इस गाने को ऑडियंस ने तो अपना प्यार दिया ही, बिग बी को भी वो गाना बहुत पसंद आया। उन्होंने इस गाने के लिए मेरी तारीफ की। उनसे तारीफ मिलना सपना सच होने जैसा था। इंडस्ट्री में शाहरुख खान के बाद मैं बेस्ट फिल्म प्रमोटर हूं इस साल एक्टर नंदमुरी बालकृष्ण के साथ मेरी तेलुगु फिल्म ‘डाकू महाराजा’ आई। मैं उसकी सफलता को लेकर बहुत उत्साहित थी। तभी सैफ अली खान पर हमला हुआ था। एक इंटरव्यू में मुझसे इससे जुड़ा सवाल पूछा गया। मैंने अपनी फिल्म की सफलता पर बात की तो लोगों ने मेरी जमकर ट्रोलिंग की। लोगों ने ट्रोल किया, लेकिन उस एक क्लिप से मुझे अमेजन के साथ पेड प्रमोशन करने का मौका मिला। इस कॉन्ट्रोवर्सी के बाद अमेजन वालों ने मुझसे पेड प्रमोशन के लिए संपर्क किया। उन्होंने ब्रांड प्रमोशन को लेकर एक रिसर्च की थी। उनकी रिसर्च में ये सामने आया कि भारत में शाहरुख खान के बाद उर्वशी रौतेला ऐसी स्टार हैं, जो फिल्म के लिए बेस्ट प्रमोटर हैं। फिर उन्होंने मुझसे हॉलीवुड सीरीज के लिए पेड डील की। वो सीरीज अमेजन पर आने वाली थी। मैंने उसके प्रमोशन में उसी आंसर का इस्तेमाल किया, जिसके लिए मुझे ट्रोलिंग झेलनी पड़ी थी। रॉल्स रॉयल कलिनन खरीदने वाली पहली एक्ट्रेस हूं मैं अपनी अचीवमेंट्स पर बात करती हूं तो लोग मुझे ट्रोल करने लगते हैं। लोगों ने मुझे सेल्फ ऑब्सेस्ड का टैग दे दिया है, लेकिन मैं इस टैग को सेल्फ लव की तरह लेती हूं। फिल्म ‘डाकू महाराजा’ की सफलता के बाद मैंने खुद को रॉल्स रॉयल कलिनन गिफ्ट की है। इंडिया में ऐसा करने वाली मैं पहली एक्ट्रेस हूं। इंडस्ट्री में मेरे अलावा अब तक ये सिर्फ शाहरुख खान के पास है। मैं इसे अपनी अचीवमेंट ही मानूंगी। 251 लड़कियों की शादी करवाई, मीडिया ने वो नहीं दिखाया मैं हर साल अपना जन्मदिन विदेशों में मनाती हूं। इस साल मैंने अपने बर्थडे के मौके पर मध्य प्रदेश के खजुराहो जाकर 251 लड़कियों की शादी करवाई। वो सारी बच्चियां अनाथ थीं। मैंने उनकी शादी का सारा जिम्मा उठाया। मैंने शादी की मालाएं खुद से लीं। शादी का खाना जैसे दाल-चावल खुद बनाया। मेहमानों को मिठाइयां परोसीं। उस इवेंट में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी मौजूद थे, लेकिन मीडिया मेरे अच्छे कामों को नहीं दिखाती है। मुझे दुख हुआ। आउटसाइडर होने के बावजूद मैंने अपनी जगह बनाई मैंने कई ब्यूटी पेजेंट जीता। इंडस्ट्री में बिना किसी गॉडफादर के मैंने अपना पहला काम सनी देओल जैसे स्टार के साथ किया। अब तक जितनी भी फिल्मों में मैंने गाना किया है, सब सुपरहिट रहे हैं। इंडस्ट्री हमेशा ही नेपो किड्स को बढ़ावा देती है। उन्हें थाली में सजाकर बढ़िया सी बढ़िया फिल्म दी जाती है। मुझे खुद पर और इंडस्ट्री में मौजूद सभी आउटसाइडर्स पर बहुत गर्व होता है। हम सब अपने दम पर अपनी पहचान बना रहे हैं। पिछले हफ्ते की सक्सेस स्टोरी यहां पढ़िए… एक्ट्रेस राजश्री की कहानी- ऑर्केस्ट्रा में डांस:लोगों ने पॉर्न स्टार कहा, नेटफ्लिक्स सीरीज से मिली पहचान; समाज सेवा के लिए छोड़े कई बड़े प्रोजेक्ट्स सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।’ दुष्यंत कुमार की ये लाइनें एक्ट्रेस राजश्री देशपांडे के करियर और जिंदगी के दो अलग-अलग सिरों को जोड़ती हैं। फिल्मों में अपनी बोल्ड चॉइस से हंगामा मचाने वाली राजश्री असल जिंदगी में अपने सोशल वर्क से लोगों की जिंदगी बदल रही हैं। हालांकि, इस मुकाम तक पहुंचने से पहले उन्होंने खुद कई मुश्किलों का सामना किया है। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें…

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